CM ने मां भद्रकाली के मंदिर में की पूजा अर्चना, तीन दिवसीय राजकीय मेले का हुआ आयोजन

punjabkesari.in Tuesday, Feb 20, 2018 - 12:53 PM (IST)

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार कोे इटखोरी स्थित मां भद्रकाली के मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। 1200 साल से भी अधिक पुराने पाल और गुप्त वंश की धरोहर इटखोरी की पहचान है। उन्होंने बताया कि 19 से 21 फरवरी तक यहां राजकीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 
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सीएम ने इटखोरी महोत्सव के लिए चतरा की जनता को दी बधाई 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप इटखोरी की पवित्र भूमि पर बनेगा। मार्च तक चतरा में पर्यटन को विकसित करने का मास्टर प्लान बनकर तैयार हो जाएगा। जून तक डीपीआर तैयार होगा। चतरा के भद्रकाली मंदिर को हम दुनिया के मानचित्र पर लाएंगे। उन्होंने इटखोरी महोत्सव के लिए चतरा की जनता को बधाई देते हुए कहा कि अब यह महोत्सव राज्य का महोत्सव हो गया है। सीएम ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश है और भगवान बुद्ध ने भारत की धरती से दुनिया को शांति का संदेश दिया। भारत की पूरी दुनिया में विश्व गुरु की पहचान थी, अब हमें फिर से भारत को विश्व गुरु बनाना है। 
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आने वाले समय में चतरा बनेगा सांस्कृतिक पर्यटन स्थल 
सीएम ने कहा कि चतरा आने वाले समय में सांस्कृतिक पर्यटन स्थल बने, यह सरकार की सोच है। विकास से ही सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। विकास को हमारी सरकार चार स्तंभों कृषि, उद्योग, आईटी और पर्यटन पर खड़ा करने की कोशिश कर रही है। इन क्षेत्रों में हमारी सरकार सार्थक प्रयास कर रही है। रघुवर दास ने कहा कि झारखंड प्रकृति की गोद में बसा राज्य है, इसलिए हमारी सरकार प्रत्येक सेक्टर को विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि 2019 के इटखोरी महोत्सव में जब हम आएंगे तो हमें प्रत्येक सेक्टर में काम होता नजर आएगा, ऐसा मुझे विश्वास है। 
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डाक विभाग ने इटखोरी को दिलाई अलग पहचान 
रघुवर दास ने कहा कि डाक टिकट जारी कर डाक विभाग ने इटखोरी को देश मे अलग पहचान दिलाई। विकास और पर्यटन के लिए शांति बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज इटखोरी में शांति है इसके लिए वह पुलिस और स्थानीय लोगों को धन्यवाद देते है। इस राज्य की गोद मे पल रही गरीबी को हमें खत्म करना है। हमें ऐसा झारखण्ड बनाना है जहां कोई गरीब ना रहे। हर गरीब को किसी ना किसी रोजगार से जोड़ना है। हमें झारखंड को आगे ले जाना है, हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है।
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