योगी का इफेक्ट: 112 साल पुराना ‘टुंडे कबाबी’ रेस्त्रा पर मंडराया बंद होने का खतरा

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 08:42 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध बूचडख़ाने बंद करने के फैसले से कई लोगों का रोजगार छिन गया है। कई लोग बेरोजगार हो रहे हैं तो दूसरी ओर इस कारण से कई किसान भी परेशान है। वो अपने बिना काम के मवेशियों को अब बेचकर पैसे नहीं ले पा रहे हैं। बूचडख़ानों के बंद होने से बढ़ रहीं मुश्किलों का अगला शिकार है लखनऊ का सबसे प्रसिद्ध और 112 साल पुराना रेस्त्रां टुंडे कबाबी। यूपी की नवगठित भाजपा सरकार ने बुधवार को अवैध बूचडख़ानों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे और कई बूचडख़ाने बंद भी करवा दिए थे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को मांस की कमी के कारण लखनऊ का ये 1905 में शुरू हुआ रेस्तरां बंद हो गया था। वहां के मालिक मोहम्मद उस्मान ने कहा कि दुकान पूरे दिन के लिए बंद करनी पड़ी क्योंकि मांस उपलब्ध नहीं था। हमें गोश्त नहीं मिलेगा तो दुकान कैसे चलायेंगे? वहां के अकबरी फाटक में भैंस का मांस बेचने वाले रेस्तरां का आउटलेट भी बंद रहा।
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मालिक ने कहा कि अमीनाबाद में चिकन और मटन बेचने वाले आउटलेट खुले रहे, चूंकि मटन या चिकन की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई थी। अब कट्टरपंथी हिंदुत्व नेता और गोरखनाथ मंदिर के पुजारी योगी आदित्यनाथ इन मामलों में सबसे पहले विचार कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य भर में कई छापे मारे गए और कई अवैध बूचडख़ाने बंद किए गए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 200 से 250 अवैध दुकानों में से 9 को बंद कर दिया गया है। एलएमसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एके राव ने बताया कि ऐसी दुकानें चल रही हैं जो मानदंडों का पालन नहीं कर रही हैं। ऐसी दुकानों को विनियमित या बंद करने की आवश्यकता है।

वाराणसी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगरपालिका अधिकारियों, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमों द्वारा छापे मारे गए। इसी के चलते गाजियाबाद में 10 अन्य मांस की दुकानें बंद की गईं। मंगलवार को हाथरस में एक मुस्लिम मालिक की तीन मांस की दुकानों को भीड़ ने आग लगाकर जलाया भी था।


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