केन्द्र तीन तलाक पर नहीं लाएगा विधेयक: नकवी

punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 08:46 PM (IST)

लखनऊ: केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन तलाक पर विधेयक लाने की संभावना से इन्कार किया है। नकवी ने आज यहां 9 राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों के ‘विकास समन्वय बैठक’ के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार को पूरा भरोसा है कि संसद के आगामी बजट सत्र में तीन तलाक संबंधी विधेयक को पारित कराने में विपक्ष सहयोग देगा। आम सहमति से विधेयक पारित होकर कानून का रुप ले लेगा।  

उन्होंने कहा कि बजट सत्र में उम्मीद है कि राज्यसभा में भी यह विधेयक पारित होगा। उन्होंने संकेत दिया कि इस संबंध में विपक्षी नेताओं से बात की जायेगी। यह एक बड़ी समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए सभी का सहयोग जरुरी है। केन्द्रीय मंत्री ने हज से सब्सिडी हटाये जाने को अच्छा कदम बताया और कहा कि इससे मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हो रहा था। सब्सिडी वाले पैसे का अब मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जायेगा। इससे लड़कियों का काफी भला होगा। उन्हें अपने पैर पर खड़े होने में मदद मिलेगी। सरकार तुष्टिकरण के बगैर महिलाओं और अन्य वर्गों का सशक्तीकरण चाहती है। 

नकवी ने कहा कि सरकार चाहती है कि मुसलमानों को विकास का पूरा हक मिले। उनका कहना था कि केन्द्रीय सेवाओं में 2015 में केवल पांच फीसदी अल्पसंयक थे। सरकार की नीतियों की वजह से 2017 में यह संख्या बढ़कर दस प्रतिशत हो गयी। इस वर्ष सिविल सेवाओं में अल्पसंख्यक वर्ग के 125 युवक सफल हुए हैं जिसमें 52 मुस्लिम हैं। 

उन्होंने कहा कि मानसरोवर यात्रा और कुंभ मेला से सब्सिडी वापस करने की मांग करने वाले नेता सिर्फ सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। सरकार की संवैधानिक बाध्यता है कि नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों का पालन करवाया जाये। कुंभ में दूरदराज से लोग आते हैं। कुंभ में आना लोगों का मौलिक अधिकार है। जो आते हैं, उनकी व्यवस्था करना सरकार का काम है। उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के मदरसों पर प्रतिबन्ध लगाने संबंधी मांग पर पूछ गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस विषय के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। 

योगी ने बैठक का उद्घाटन करते हुए साफ कह दिया था कि मदरसों पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जायेगा। मदरसों में शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता बढ़ायी जायेगी। आधुनिकतम शिक्षा दी जायेगी। सरकार सभी वर्गों को रोजगार के अवसर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी चीजें बिना भेदभाव के उपलब्ध करायेगी। 

नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रियों की बैठक में मुस्लिम बच्चों खासतौर पर लड़कियों की बीच में पढ़ाई छूट जाने पर चिन्ता जतायी गयी। इस सम्बन्ध में आश्चर्यजनक आकड़े हैं। करीब 80 से 90 प्रतिशत बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। सरकार शिक्षा के जरिए सशक्तीकरण लाना चाहती है। इसीलिए योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। बैठक में जम्मू-कश्मीर, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चण्डीगढ़, पंजाब, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। 


 


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