आत्महत्या की धमकियों पर CM रावत का बयान, समय सियासत का नहीं सहानुभूति दिखाने का

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 04:25 PM (IST)

देहरादून/ब्यूरो। ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने का फैसला फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। विभिन्न मांगों को लेकर आत्महत्या करने की लगातार मिल रही धमकियों के कारण सरकार के कदम ठिठक गये हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों को हिदायत देते हुए कहा है कि यह समय सहानुभूति दिखाने का है, सियासत करने का नहीं।

 

भाजपा दफ्तर में जहर खाने और चार दिन तक जीवन व मौत से जूझने के बाद मंगलवार को हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे ने मैक्स अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जीएसटी व नोटबंदी के कारण उसका कारोबार ठप हो गया था और वह मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक मदद की गुहार लगा चुका था। किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं होने के कारण अंततः उसने जहर खा लिया और मौत को गले लगा लिया।

 

बुधवार को जब ट्रांसपोर्टर का शव हल्द्वानी पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और प्रकाश पांडे की पत्नी के लिये सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। माहौल तनावपूर्ण होता देख जिलाधिकारी नैनीताल ने मुख्य सचिव से वार्ता की। इस वार्ता के बाद डीएम के अनुरोध पर मौके पर मौजूद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा और पत्नी को संविदाकर्मी के तौर पर नौकरी देने का ऐलान किया।जिलाधिकारी ने भी सरकार की इस घोषणा की पुष्टि की।

 

उधर, पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान हुआ और इधर मुख्यमंत्री कार्यालय में धमकी देने वालों की बाढ सी आ गयी। ट्रांसपोर्टर और ठेकेदार अपना भुगतान नहीं होने पर आत्महत्या करने की चेतावनी देने लगे। देर शाम तक इस तरह के फोन आते रहे। अंत में मुख्यमंत्री ने प्रकाश पांडे के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा को  स्थगित कर दिया। देर रात सीएम की ओर से यह घोषणा की गयी कि पीड़ित परिवार को स्थानीय स्तर पर दो लाख रुपये दिये गये हैं। सरकार की ओर से अब कोई मुआवजा देने का विचार नहीं है।

 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि प्रकाश पांडे की आत्महत्या के मुद्दे  पर कुछ लोग इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं। उन्हें खराब माहौल को ठीक करने में योगदान देना चाहिये। इस प्रकार की प्रवृति को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उक्त जिले के जिलाधिकारी द्वारा पीड़ित के परिवार को स्थानीय लोगों की सहायता से  2 लाख रुपये की सहायता पहुंचाई गयी है। आत्महत्या करने की 7 और धमकियों की सूचना प्राप्त हुई है। ऐसे मौकों पर उकसाने वाली बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। आत्महत्या की धमकियों पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय सहानुभूति का है।

 

उधर, इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गयी है। सूचना है कि जांच अधिकारी ने उस वीरेन्द्र की तलाश शुरू कर दी है जिसके मोबाइल पर प्रकाश पांडे ने जहर खाने की वीडियो भेजी थी। हल्द्वानी के सूत्रों का कहना है कि वीरेन्द्र नाम के दो शख्स हैं जो पहले सियासी दलों से ताल्लुक रखते थे।


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