गोद लिए गांव में झांकने तक नहीं गए डिप्टी CM केशव मौर्या, गांववालों में आक्रोश

punjabkesari.in Sunday, May 28, 2017 - 03:22 PM (IST)

इलाहाबाद (सैयद आकिब रजा):  सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गाँव तो गोद ले लिया, लेकिन तीन साल बाद भी गाँव अभी भी विकास से कोसों दूर है। राजनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाने वाली इलाहाबाद जिले की फूलपुर लोकसभा सीट के जैतवारडीह गाँव को केशव मौर्य ने जब गोद लिया था तो ग्रामीणों में खुशी थी कि अब उनके गाँव का भी विकास होगा। लेकिन इन गांव वालों की खुशी जैसे जैसे समय बीतता गया मंद होती चली गई क्योंकि गांव गोद लेने के बाद केशव मौर्य एक बार भी इसे झांकने तक नहीं आए। देश भर में काम और विकास के नाम पर ढिंढोरा पीट रहे सांसद के गांव में फिलहाल कोई भी काम नहीं दिख रहा है। विकास के नाम पर आज भी वह बदहाली के आंसू बहा रहा है। 

पहले की तरह आज भी बदहाल है गांव 
जिला मुख्यलय से तकऱीबन 25 किलोमीटर दूर गंगापार क्षेत्र का जैतवारडीह गांव अभी भी प्रधानमंत्री के आदर्श गाँव की कल्पना से वंचित है। गाँव की मूलभूत जरूरतें जैसे सड़कें, बिजली, पानी, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी गांव को नसीब नहीं हो पा रही है। टूटी सड़कें गांव का स्वागत करती हैं। पानी निकासी के लिए नाली तक नहीं है। सड़कों पर बजबजाती गंदगी आम बात है। वहीं बिजली की हालात पर लोगों ने कहा कुछ दिनों आठ से दस घंटे मिल जाती है लेकिन आती कब है और जाती कब पता कम ही चल पाता है। गांव किनारे बने प्राथमिक स्कूल में जानवरों ने डेरा डाला हुआ है। जैतवारडीह गांव के पास सरकारी योजना के तहत आदर्श गाँव का बोर्ड लगा था जिसे ग्रामीणों ने क्षुब्ध होकर हटा दिया है। 

पुरे गाँव में मात्र चार सोलर सोलर लाईट
उत्तर प्रदेश में विकास के नाम पर पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाने का श्रेय पाने वाले केशव मौर्य के अपने गाँव की हालत यह है कि विकास के नाम पर यहाँ पुरे गाँव में मात्र चार सोलर सोलर लाईट है जो उनके खास लोगों के घर पर लगी है। ग्रामीणों से बात चीत करने पर चला की आज भी सब कुछ वैसा ही है जैसा हमेसा से था। 

बरसात में गांव बन जाता है तालाब-ग्रामीण
ग्रामीण राम यादव का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों को यह उम्मीद थी की आयेंगे और लोगों की समस्याएं सुनेंगे लेकिन नहीं आये। वहीं अन्य लोगों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। बरसात में गांव तालाब बन जाता है। गांव में पानी निकासी की कोई भी व्यवस्था नहीं है। गांव के लोगों ने कई बार अपनी फरियाद सांसद जी के दफ्तर तक पहुंचाई फिर भी सांसद जी इस गाँव का हाल जानने नहीं आए। 

गाँव में कोई भी सामुदायिक केंद्र नहीं-ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान महावीर यादव के अनुसार तकऱीबन 2500 के आबादी वाले गाँव में कोई भी सामुदायिक केंद्र नहीं है। कोई भी सरकारी योजनाओं का पता नहीं चल पाता है । सांसद के गोद लेने के बाद आदर्श गांव में एक पानी की छोटी टंकी और कुछ सोलर लाइट लगाई गई है। प्रधान के अनुसार कुछ दिनों से गाँव में शौचालय बनाने का कम शुरू हुआ है जिसमें से कुछ बन भी गए हैं। प्रधान के अनुसार सांसद के क्षेत्रीय कार्यक्रम लगे हुए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। आदर्श गाँव में एक भी स्वरोजगार जैसी योजनाओं को नहीं चलाया गया। कोई भी सिलाई कढाई केंद्र भी नहीं चल रहा है। 
 


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