चित्रों के जरिए बताया गंगा का महत्व, कई प्रदेशों में जाएगी चित्र यात्रा

punjabkesari.in Saturday, Mar 10, 2018 - 09:55 PM (IST)

देहरादून: गंगा पर आयोजित तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी में इस पवित्र नदी की महानता को आकर्षक ढंग से दर्शाया गया। दून के बाद गंगा को लेकर बनाई गए चित्रों की यह यात्रा कई प्रदेशों में जाएगी। गंगा के संरक्षण और संंवर्धन के लिए अनूठी पहल की गई है। 

 

शनिवार को एमकेपी कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को पहुंचना था। इनके समय पर नहीं आने से संघ के वरिष्ठ प्रचारक राधेश्याम काफी नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक को समय से आना चाहिए।

 

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन संगठन प्रांतों के वरिष्ठ प्रचारक राधेश्याम ने कहा कि गंगा और भारतीय सभ्यता में गहरा नाता है। गंगा के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। 

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हमें गंगा को बचाने के लिए ठोस काम करना होगा। यह शर्मनाक है कि हमें गंगा को बचाने के लिए आंदोलन और अभियान चलाने की जरूरत पड़ रही है। गंगा पर छाने वाला खतरा भारतीय सभ्यता और समाज के लिए खतरनाक है। 

 

कार्यक्रम संयोजक और चित्रकार एमकेपी पीजी कॉलेज में फाइन आर्ट्स विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. ममता सिंह ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति का केंद्र है। विकास के नाम पर गंगा को तबाह किया गया। इससे पयार्वरण और जनजीवन खतरे में पड़ गया। अगर गंगा ही नहीं बची तो फिर भारत की पहचान ही खतरे में पड़ जाएगी। इसलिए गंगा की महानता और इस पवित्रतम नदी पर छा रहे खतरों के प्रति देशवासियों को जगाना जरूरी है।

 

इस मौके पर एमकेपी पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ. किरण सूद, केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. इंदरजीत सिंह, डॉ. चेतना कोठियाल, हिमांशु दरमोड़ा, डॉ. एमएन झा, डॉ. शशि झा, डॉ. प्रदीप शेखावत, डॉ. अर्चना शुक्ला समेत बड़ी तादाद में कलाकार, शिक्षक, छात्र और चित्रकार उपस्थित रहे।


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