न्यायिक कार्यों में स्थानीय भाषा का प्रयोग करें न्यायालय, इलाहाबाद में बोले राष्ट्रपति

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 04:58 PM (IST)

इलाहाबादः देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कहना है कि अदालतों को मुअक्किलों  को जागरूक करने के लिए स्थानीय भाषा में कोर्ट में सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अदालतों में होने वाले फैसलों की कॉपी स्थानीय भाषा में दी जाए तो इससे न्यायिक प्रक्रिया को समझने में भी मदद मिलेगी।

दरअसल राष्ट्रपति ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में यह बातें कहीं। इस मौके पर राष्ट्रपति ने न्याय ग्राम की आधार शिला रखी और कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र की अहम कड़ी है, यहां आम आदमी इन्साफ के लिए आता है। लेकिन कई बार अदालतों के चक्कर काटने के बावजूद न्यायिक कवायद को नहीं समझ पाता है जिसे उसे समझना जरूरी है। इसलिए यह सलाह है कि अदालतों में होने वाले फैसलों की कॉपी स्थानीय भाषा में दी जाए, इससे न्यायिक प्रक्रिया को समझने में और भी मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि न्याय ग्राम की स्थापना इलाहाबाद के देवघाट में हो रही है। 395  करोड़ से अधिक की लागत से 35 एकड़ में बसाए जा रहे इस न्याय ग्राम में एक न्यायिक अकेडमी और एक ऑडोटोरियम की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रदेश के  3 हजार से अधिक न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण और न्यायविदों के साथ संवाद के संवाद का मंच हासिल हो सकेगा। 
 


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