दिव्यांग माँ-बेटी ने राष्ट्रपति कोविन्द को खून से लिखा पत्र, मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत

punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2017 - 06:57 PM (IST)

कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी)- बीते 15 साल से मस्कुलर डिस्ट्राफी नामक घातक बीमारी से ग्रषित दिव्यांग माँ-बेटी ने खून से पत्र लिखकर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से इच्छा मृत्यु की मांग की है। माँ बेटी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि हम लोगों का इलाज कराया जाये या फिर इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाये। इससे पहले पीड़िताओं ने पीएम से भी इच्छा मृत्यु की गुहार लगा चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निराशा हाथ लगने के बाद अब राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। 

यशोदा नगर के शंकराचार्य नगर निवासी शशि मिश्र के पति की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। शशि मस्कुलर डिस्ट्राफी नाम की बीमारी से पीड़ित हैं जिसकी वजह से चलने फिरने में असमर्थ हैं। छह साल पहले इनकी इकलौती बेटी अनामिका (33) भी इसी बीमारी की चपेट में आकर लाचार हो गई। शशि के मुताबिक बेटी के इलाज में घर में रखी जमापूंजी भी खत्म हो गई। रिश्तेदारों ने मदद की लेकिन बाद में उन्होनें भी किनारा कर लिया। अब स्थिति यह है कि बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो गया है। मौजूदा समय में परिवार के रिश्तेदारों ने भी कन्नी काट ली है। मां-बेटी मोहल्ले के लोगों के रहमोकरम पर जीने का मजबूर हैं।

बिमारी में बिक चुकी है घर की जमा पूंजी-अनामिका
अनामिका ने बताया कि मेरे पिता एक बिजनेस मैन थे। मेरी माँ की अचानक 1985 में तबियत खऱाब हुई थी द्य तब हमें पता चला था कि इनको मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी है द्य जब तक पिता जी थे उन्होंने इलाज कराया। उनके निधन के बाद घर की जमा पूंजी व् जमीन बेच कर हम इलाज कराते रहे। मैंने स्कूल में पढाया और कोचिंग पढ़कर माँ का इलाज कराया और घर के खर्चे चलाये। लेकिन अब इस बीमारी ने मुझे भी अपनी चपेट में ले लिया। चार साल से मै भी बिस्तर पड़ी हूँ।

PM से मांगी मदद लेकिन नहीं आया कोई जवाब-अनामिका
जब मैं बिलकुल असहाय हो गई तो मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेटर भेजकर मदद मांगी। जब उनका कोई जवाब नहीं आया तो मैं रिमाइंडर भेजती रही द्य तब उनका एक जवाब आया कि मैंने यूपी गवर्मेंट को मदद के लिए कहा है। तब मुझे 50 हजार की मदद मिली, लेकिन मुझे फाइनेंशियल मदद नहीं चाहिए। मुझे एक नौकरी की जरूरत है जिसके सहारे में अपना और अपनी मां की मदद कर सकूं। आर्थिक मदद से कोई कितने दिनों तक जीवन यापन कर सकता है। अनामिका का सपना था सीए बनने का अनामिका ने बताया कि मैं एक कामयाब सीए बनना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सीए नहीं कर सकी। 

हमारा समुचित इलाज या फिर इच्छा मृत्यु की इजाजत दें राष्ट्रपति-अनामिका
अनामिका का कहना है कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द्र कानपुर आ रहे हैं। मैं और मेरी माँ बीते कई साल से मस्कुलर डिस्ट्राफी से ग्रषित हूं द्य हमने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से कहा कि मैं अनामिका मिश्रा व् मेरी माँ शशि मिश्रा मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित हैं। हम दोनों चलने फिरने में लाचार हैं, हमारा समुचित इलाज कराने की कृपा करें या इच्छा मृत्यु प्रदान करने की कृपा करें द्य यह बीमारी इतनी घातक है कि आप की बॉडी इसमें धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है द्य आप अपने निजी काम भी इस बीमारी में नहीं कर सकते हैं। 

राष्ट्रपति को सौपेंगे अनामिका का खून से लिखा पत्र-ज्ञानेश मिश्रा 
अखिल भारतीय उधोग व्यापर मंडल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा ने बताया कि अनामिका मिश्रा द्धारा खून से लिखा गया पत्र आज राष्ट्रपति को सौपेंगे। व्यापार मण्डल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा का कहना है कि कानपुर के लोहा बाजार से जुड़ा हुआ परिवार है। इनके पिता जी इस दुनिया में नहीं हैं। ये माँ बेटी मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी से पीड़ित हैं। लगातार इनका शरीर सेंसलेस होता जा रहा है। यह पूरी तरफ से लाचार हो चुकी हैं। सिर्फ इनका सिर हिलता है। इनकी बेटी के भी शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर दिया है द्य इस बीमारी का इलाज बहुत कठिन है और बहुत मंहगा इलाज है। सरकार को देखना चाहिए कि इण्डिया के बाहर कहां पर इसका इलाज होता है। राष्ट्रपति महोदय कानपुर आ रहे हैं अनामिका ने खून से लिख कर इलाज कराने की मांग या फिर इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिखा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static