मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निकाले गए नदवी पर मिश्र ने लगाया गंभीर आरोप, FIR दर्ज

punjabkesari.in Friday, Feb 16, 2018 - 12:02 PM (IST)

लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निकाले गए मौलाना सलमान नदवी पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के नजदीकी रहे अमरनाथ मिश्र ने अयोध्या मामले में रिश्वत मांगने का गम्भीर आरोप लगाया है। इस मामले में हसनगंज पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है। मिश्र ने आरोप लगाया है कि नदवी ने मस्जिद का दावा छोड़ने के एवज में करोड़ों हजार करोड़ की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस फार्मूले को लेकर सलमान नदवी और सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष श्रीश्री रविशंकर से मिलने गए थे उसके पीछे एक बड़ी डील करने की तैयारी थी। अमरनाथ मिश्र श्रीश्री रविशंकर के सबसे करीबी माने जाते हैं।

उन्होंने हसनगंज थाने में मौलाना नदवी के खिलाफ रिश्वत की मांग करने का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि नदवी ने राज्यसभा की सदस्यता, 200 एकड़ जमीन और 5000 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी। अयोध्या सछ्वावना समन्वय महासमिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने कहा कि श्री श्री को अयोध्या विवाद मामले में हिन्दू महापरिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का समर्थन प्राप्त नहीं है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि वह श्री श्री की ओर से काम कर रहे थे और यहां तक कि बंगलूरू भी गए थे। इस मामले में श्री श्री ने मुझे इस्तेमाल किया।

मिश्र से श्री श्री के दूरी बनाए जाने में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद बातचीत के जरिए हल करने के मामले में कोई उनको समर्थन नहीं दे रहा है। इस मामले में वह अकेले हैं।  मिश्र ने मौलाना सलमान नदवी के खिलाफ हसनगंज थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि अयोध्या में मस्जिद मामले में दावा छोड़ने के लिए उन्होंने करोड़ों रूपए, राज्यसभा की सीट की मांग की है। इस मामले की जांच कराई जाए।

अपने 2 पेज की शिकायत में मिश्र ने कहा कि उन्होंने नदवी महाविद्यालय में अंतिम बार गत 5 फरवरी को मौलाना से मुलाकात की थी। उन्हें हिंदू पक्ष का प्रस्ताव सौंपा था। उन्होंने हैदराबाद में आयोजित एआईएमपीएलबी की कार्यकारी बैठक में इस प्रस्ताव को समर्थन देने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को एआईएमपीएलबी की बैठक में रखने के बजाय, मौलाना ने श्री श्री को प्रस्ताव सौंपा। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि उन्हें मिश्र से आवेदन मिला है लेकिन अभी तक कोई जांच शुरू नहीं की गई है।


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