BJP में शामिल हुए SP के बागी नरेश अग्रवाल का है विवादों से पुराना नाता

punjabkesari.in Monday, Mar 12, 2018 - 10:55 PM (IST)

आशीष पाण्डेय, नेशनल डेस्क: राजनीति में कोई किसी का सगा और सौतेला नहीं होता। और राजनेताओं की एक खूबी है ऐसा कोई नहीं जिसको इन लोगों ने ठगा नहीं होता। ऐसा ही उदाहरण एक बार फिर सोमवार को यूपी में देखने मिला। कभी प्रधानमंत्री के मुख्य आलोचकों की सूची में जिन नरेश अग्रवाल का नाम एक नंबर रहता था, सोमवार को वही नरेश अग्रवाल पीएम के शान में कसीदे पढ़ते देखे व सुने गए। दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में रेल मंत्री पीयुष गोयल व प्रवक्ता संबीत पात्रा की उपस्थिति में नरेश अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर अखिलेश व अपने रिश्तों पर ग्रहण भी लगा दिया। इस मौके पर उन्होंने अखिलेश नी​त सपा को पर तीखे तीरे छोड़े। हालांकि उन्होंने अपना दुख यह कह कर बयान किया कि मेरा टिकट फिल्मों में काम करने वाली की चक्कर में काटा गया। जो गलत था। मैं बीजेपी के लिए बगैर किसी शर्त के काम करूंगा। मेरा बेटा नीतिन अग्रवाल एमएलए है वह बीजेपी के साथ रहेगा। नीतिन राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का साथ देंगे।
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कई बार बदल चुके हैं खेमा
नरेश अग्रवाल खेमा बदलने में काफी माहिर हैं। अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में वो बार-बार पार्टी बदल चुके हैं। इससे पहले वह जगदम्बिका पाल, राजीव शुक्ला और श्याम सुंदर शर्मा के साथ अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में थे। जिसने वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन किया था। 7 बार हरदोई से विधायक और एक बार सपा के टिकट पर यूपी से राज्यसभा के सांसद रहे हैं।

ये हैं उनकी कुछ टिप्पणीयां जिन्होंने काफी चर्चा बटोरी थी:— 

कुलभूषण यादव पर टिप्पणी
1:— नरेश अग्रवाल ने कुलभूषण जाधव मामले में कहा था कि 'अगर उन्होंने (पाकिस्तान) कुलभूषण जाधव को आतंकवादी अपने देश में माना है, तो वो उस हिसाब से जाधव के साथ व्यवहार करेंगे। हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए।' इस बयान के मीडिया में आते ही चारों तरफ बवाल मच गया और सभी इस बयान की निंदा कर रहे हैं। कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के मुलाकात पर भारत के सख्त रवैये पर नरेश अग्रवाल ने दोबार टिप्पणी की थी कि कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि मीडिया सिर्फ कुलभूषण जाधव के बारे में क्यों बात कर रही है। पाकिस्तान में कई भारतीय कैदी हैं। मीडिया भारतीय कैदियों पर क्यों नहीं फोकस कर रही है।

बीजेपी संकीर्ण सोच वाली पार्टी
2:— आज जिस पार्टी की सदस्यता लेकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है इससे पहले वो इसी पार्टी की निंदा कर चुके हैं। उन्होंने बीजेपी की सोच को संकीर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सोच इतनी संकीर्ण क्‍यों है? यह किसी के निजी जीवन में दखल है। अब मान लीजिए किसी की उस दिन सुहागरात होती, तो ये कहते ये सुहाग-रात क्‍यों मना रहा है? 

प्रधानमंत्री को जातिसूचक शब्द
3:— जिस प्रधानमंत्री से आज नरेश अग्रवाल इतने प्रभावित हैं उन्हीं पीएम को कभी जाति सूचक शब्द कहे थे। लखनऊ में आयोजित अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन में भाग लेने के बाद महासम्मेल के दौरान दिए अपने भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके जाति को लेकर हमला किया था। उन्होंने कहा था ''अगर हम बोलना शुरू करेंगे तो अमित शाह और मोदी सब पर बोलेंगे। उनसे कह दो कि समाज के पक्ष में कानून बना दें''। इस पर किसी ने पूछा कि मोदी, शाह की तो जाति वैश्य है, इस पर नरेश ने कहा था''शाह हमारी जाति के हैं, लेकिन मोदी हमारी जाति के नहीं हैं''। इसी दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री की जाति का जिक्र भी किया था।

देवी देवताओं से ले चुके हैं रार
4:— आम आदमी तो दूर नरेश अग्रवाल देवी देवताओं को भी नहीं छोड़ा है। वो भी राज्यसभा सदन में। नरेश अग्रवाल ने सदन में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भी विवादित बयान दिया था। नरेश अग्रवाल ने हिंदू देवी देवताओं के नाम के साथ शराब को जोड़ा। इसके बाद बीजेपी सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया और उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी।
 


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