हिंसाग्रस्त सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में राहुल की ‘नो एंट्री’

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2017 - 04:35 PM (IST)

सहारनपुर: जातीय ङ्क्षहसा का दंश झेल रहे उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में व्याप्त तनाव के मद्देनजर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुये जिला प्रशासन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आज गांव जाने से रोक दिया।

राहुल गांधी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार से पूछा, ‘मुझे किस कानून के तहत रोका गया। आप मुझे यह बोलो कि हम आपको बार्डर पर रोक रहे हैं। मुझे बताओ कि किस कानून के तहत रोक रहे हो।’ राहुल गांधी का काफिले को यमुना पुल पार करते ही सरसावा क्षेत्र में रोक लिया गया। वह कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ दिल्ली से सुबह चलकर हरियाणा होते हुए सहारनपुर के तनावग्रस्त शब्बीरपुर जाना चाह रहे थे। रोके जाने पर राहुल गांधी पास के ही एक ढाबे पर बैठ गये और स्थानीय लोगों से मिलने लगे।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि वह सहारनपुर अस्पताल में भर्ती घायलों से मिलने के बाद शब्बीरपुर  में पीडितों से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि उन्हें उत्तर प्रदेश में घुसने से रोकने की कोशिश की गयी। 

प्रशासन का तर्क था कि 23 मई को बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष के गांव से वापसी के बाद हुई ङ्क्षहसा के मद्देनजर अब वहां राजनीतिज्ञों के जाने पर रोक लगा दी गयी है ताकि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो सके। राहुल गांधी की यात्रा के मद्देनजर प्रशासन सतर्क था। हरियाणा के अंबाला के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से सामंजस्य बिठाकर जिला प्रशासन काम कर रहा था।

मंडलायुक्त एम पी अग्रवाल ने कहा कि शांति भंग होने की आशंका के तहत राहुल गांधी बडगांव क्षेत्र के तनावग्रस्त शब्बीरपुर गांव जाने से रोका गया। सुश्री मायावती के दौरे के बाद फैली ङ्क्षहसा की वजह से प्रशासन ने तय किया है कि शब्बीरपुर जाने की इजाजत नेताओं को नहीं दी जायेगी। मायावती के अलावा कांग्रेस के पी एल पुनिया, कुमारी शैलजा और राजबब्बर सहारनपुर का दौरा कर चुके हैं। 

गौरतलब है कि जातीय संघर्ष की वजह से तनावग्रस्त शब्बीरपुर गांव में गत 23 मई को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के जाने के बाद वहां तीसरी बार ङ्क्षहसा भडक उठी थी। इससे पहले पांच और नौ मई को भी बवाल हुआ था। तीनों दिन की जातीय ङ्क्षहसा में दो युवकों की मृत्यु हो गयी थी और कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। ङ्क्षहसा में कई लोग घायल हुए थे। इससे पहले गत 20 अप्रैल को सहारनपुर में साप्रदायिक तनाव हुआ था। 


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