...और अब यशभारती होंगे CM योगी के निशाने पर

punjabkesari.in Friday, Apr 21, 2017 - 03:44 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) सरकारों के महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल रहे यशभारती पुरस्कार अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर है और उन्होंने इसकी गहन समीक्षा के आदेश दिए हैं। यशभारती पुरस्कार 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शुरु किया था। हालांकि, 2007 में मायावती के सत्ता में आने पर इसे बंद कर दिया गया था। वर्ष 2012 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनते ही इसे फिर से शुरु कर दिया गया था।

पांच लाख रुपए से की मुलायम ने इस पुरस्कार की शुरुआत
मुलायम सिंह यादव ने पुरस्कार की शुरुआत पांच लाख रुपए से की थी लेकिन उनके पुत्र अखिलेश यादव ने इसे बढाकर 11 लाख रुपए नकद और 50 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन कर दिया था।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल देर रात यहां संस्कृति विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा कि यह पुरस्कार किन आधारों एवं मापदण्डों पर दिए गए इसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों के वितरण के दौरान उसकी गरिमा का भी ध्यान रखा जाए। अपात्रों को अनावश्यक पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है। समीक्षा के उपरान्त इसके संबन्ध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static