अति पिछड़े तथा अति दलितों को आरक्षण देने पर सरकार कर रही विचार: योगी

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 05:45 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार अति पिछड़े तथा अति दलितों को आरक्षण दिये जाने पर विचार कर रही है। योगी ने आज विधानसभा में आम बजट चर्चा में भाग लेते हुये कहा ‘जिन कमजोर वर्ग के लोगों को वास्तव में आरक्षण की आवश्यकता थी उन्हे लंबे समय से नही मिला पाया।’

योगी ने घोषणा की कि अति पिछड़ों तथा अति दलितों को आरक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इन लोगों को आरक्षण देने की कोई पहल नही की। मुख्यमंत्री ने कहा शीघ्र ही इसके लिये एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी जायेगी जो सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपेगी।’

गौरतलब है कि सरकार की इस घोषणा को वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति माना जा रहा है। इस आशय की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2002 में किया था लेकिन अदालत ने इस पर रोक लगा दी थी। योगी ने विधानसभा में अपने 90 मिनट के लंबे भाषण में सरकार की आलोचना करने पर विपक्षी दलों खासतौर पर सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी की खिंचाई की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के अनेक कार्य चल रहे हैं लेकिन विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। उन्होंनेे कहा कि इन्वेस्टर्स समिट सफल रहा। प्रदेश में उद्योग लगने से रोजगार के अवसर बढ़ेगे। इन्वेस्टर्स समिट में 4़ 68 लाख करोड़ रूपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इसमें से 25 हजार करोड रूपये का कार्य इस महीने से शुरू हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में किये गये एमओयू से प्रदेश में अगले तीन सालों में 33 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार 20 लाख युवको को रोजगार उपलब्ध करायेगी जिसमें से चार लाख लोगों को अगले वित्त वर्ष में विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दी जायेगी।श्री योगी के भाषण के दौरान सत्ताधारी भाजपा विधायक बीच बीच में ‘आदित्यनाथ महाराज की जय’ के नारे लगाते रहे। 

उन्होंने घोषणा की कि भाजपा पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तथा समाजवादी पार्टी की तरह सरकारी संपत्तियों की बिक्री नहीं करेगी। उन्होने कहा कि पिछली सपा सरकार केवल अपने भ्रष्ट कामों के लिए जानी जाती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विपक्षी नेताओं को अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सरकारी परियोजनाओं की उद्घाटन करने की अनुमति दी जाए ताकि वे जान सकें कि सरकार लोगों के लिए क्या कर रही है। 

योगी ने कहा कि पिछली सरकारें 31 मार्च तक बजट को खर्चा नही कर पाती थी जिससे विकास कार्य अवरूद्ध हुये। बचा बजट पीएलए में चला जाता था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि कोई भी रूपया पीएलए में नही जायेगा। यदि विकास के बजट बचेगा उसके लिये अधिकारी जिम्मेदार होंगे। दावा किया कि इस वित्त 2017-18 में ज्यादातर विभागों ने बजट का 90 प्रतिशत खर्चा कर लिया है। उधर,विपक्ष ने मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान को गलत बताया है। उन्होंने कहा सरकार सपा सरकार द्वारा किये गये कार्यो का की उद्घाटन कर रही है। सरकार के पास कोई नई परियोजना नही है।


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