‘तोगडिय़ा प्रकरण की हो उच्चस्तरीय जांच, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’

punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2018 - 05:30 PM (IST)

इलाहाबाद: सुमेरूपीठ काशीपुरी के शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द ने कहा है कि विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 प्रवीण भाई तोगडिय़ा के प्रकरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हस्तक्षेप करके उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। 

स्वामी नरेन्द्रानन्द ने आज माघ मेला में झूंसी स्थित अपने शिविर में कहा कि तोगडिय़ा के साथ जो घटना घटित हुई वह निदंनीय है। डॉ. तोगडिय़ा हिन्दुत्व के प्रखर वक्ता हैं। उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करके उनके द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच करानी चाहिए। इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तोगडिय़ा ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में अपने इनकाउंटर की साजिश का आरोप लगाया था। गुजरात और केन्द्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। विहिप नेता द्वारा उठाये गये सवालों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

शंकराचार्य ने कहा कि यदि सरकार इस मुद्दे पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाती तो वह हिन्दुत्व की आवाज उठाने वाले संगठनों की आवाज दबाना चाहती है। हिन्दू विचारधारा को दबाने का प्रयास किया गया तो किसी भी प्रकार की घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरा संत समाज तोगडिय़ा के साथ है। 

 उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। केन्द्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है। अब मंदिर बनने में कोई बिलंब नहीं होना चाहिए। इससे करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। नरेन्द्रानन्द ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद अभी भी लाउडस्पीकर बज रहे हैं। वह इसका विरोध नहीं करते लेकिन एक समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए ताकि इससे किसी को परेशानी न हो। अगले माह यूपी बोर्ड की परीक्षा है। यदि यही क्रम रहा तो बच्चों को अध्ययन में बाधा आयेगी। 
 


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