स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और वासुदेवानंद सरस्वती को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2017 - 04:13 PM (IST)

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्योतिष्पीठ-बद्रीकाश्रम को लेकर चल रहे विवाद पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती व वासुदेवानंद सरस्वती को बड़ा झटका दिया है। 

हाईकोर्ट ने दोनों को शंकराचार्य मानने से इंकार कर दिया है। साथ ही दोनों के दावों को भी ख़ारिज करते हुए तीन माह में नये शंकराचार्य के चयन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि जबतक नए शंकराचार्य का चयन नहीं किया जाता है तबतक के लिए स्वामी वासुदेवानन्द शंकराचार्य के पद पर बने रहेंगे। 

महीनों तक चली बहस के बाद हाईकोर्ट के दो जजों की खंडपीठ जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस के.जे. ठाकर ने इसी वर्ष तीन जनवरी को शंकराचार्य पद के विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस विवाद के शीघ्र निस्तारण का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट आदेश के अनुपालन में हाईकोर्ट ने प्रतिदिन कई दिनों तक इस केस की सुनवाई की। 

मालूम हो कि जिला अदालत इलाहाबाद ने 5 मई 2015 को एक ऐतिहासिक निर्णय देकर ज्योतिष्पीठ-बद्रीकाश्रम का अपने को वैध शंकराचार्य घोषित करने वाले स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को अवैध घोषित कर दिया था। यही नही यहां की निचली अदालत ने शंकराचार्य स्वरूपानंद के दावा को स्वीकार कर यह भी आदेश दिया था कि वासुदेवानंद सरस्वती न तो अपने को शंकराचार्य घोषित करेंगे और न ही शंकराचार्य पद के लिए विहित क्षत्र, चँवर व सिंहासन का प्रयोग ही करेंगे। 

निचली अदालत के इस फैसले से दुखित स्वामी वासुदेवानंद ने हाईकोर्ट में अपील की तथा निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। परन्तु हाईकोर्ट तथा बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अपील पर किसी भी प्रकार का अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में अब अपना अंतिम फैसला ही आज सुनाएगा जिसमें आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आज आया। 
 


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