इलाहाबादः अवैध छात्रों को हास्टल से निकाले जाने को लेकर यूनिवर्सिटी में मचा बवाल, बुलाई गई फोर्स

punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2017 - 10:49 AM (IST)

इलाहाबादः हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवैध छात्रों को हॉस्टल से निकालने का मामला तूल पकड़ चुका है। जिसके चलते इलाहाबाद में प्रशासन के सामने हजारों छात्र-छात्राओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। दिन में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ तो प्रशासन ने भी कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया। रात सवा 11 बजे हालात तब और खराब हो गए जब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एनके शुक्ला के घर सैकड़ों छात्रों ने धावा बोल दिया। जबकि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी दूसरे रास्ते से धावा बोलते। आधी रात के बाद मामला शांत जरूर हुआ, लेकिन सुबह आंदोलन शुरू करने की सहमति पर।

रात में रजिस्ट्रार के घर धावा 
दरअसल रात 11 बजे तक तो छात्र धरने पर वहीं बैठे रहे, लेकिन सवा 11 के आसपास छात्र अचानक रजिस्ट्रार एनके शुक्ला के आवास पर घेराव करने पहुंच गए। सूचना पाकर रजिस्ट्रार घर से बाहर चले गए। थोड़ी ही देर में 5 गाड़ियों की फोर्स ने वहां भी डेरा डाल दिया और छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद छात्र वहां से भी लौट आए। वहीं मामले में विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो. हर्ष कुमार का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा। अगर छात्रों को कोई दिक्कत है तो विधिक तरीके से अपनी आपत्ति दर्ज कराएं।

सुबह से धरने पर छात्रसंघ
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र की अगुवाई में सुबह से हजारों छात्र व छात्राओं ने कैंपस में डेरा जमाना शुरू कर दिया। पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत हर छात्र नेता मौके को भुनाने में जुट गया। जिससे विश्वविद्यालय के हालात तेजी से बिगड़ गए। कैंपस की सुरक्षा और हालात नियंत्रण के लिए दंगा नियंत्रक आरएएफ और पीएसी भी तैनात कर दी गई।

ऐसे हैं हालात
वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र कुलपति का घेराव कर विरोध जताने पर तुले हैं और फैसला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। छात्र के पीयूसी के सामने वाले गेट से प्रवेश करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है, लेकिन पहले पुलिस फिर पीएसी आरएएफ ने चक्रव्यूह बना रखा है। बैरिकेडिंग से पहले छात्रों को बलपूर्वक रोक लिया जा रहा है। छात्रों से मिलने प्रॉक्टर रामसेवक दुबे, प्रभारी एडीएम सिटी डीएस, पुलिस अफसर भी पहुंचे हैं। छात्र वीसी से मिलने के लिए अड़े हैं।

छात्रसंघ का कहना है कि हॉस्टलों से अवैध छात्रों को हटाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वॉश आउट नहीं होना चाहिए। फीस बढ़ोतरी भी गलत डिसीजन है। छात्र वीसी से वार्ता करने की मांग करते रहे लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इस पर छात्रों और प्रॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। यहां तक कि प्रॉक्टर इस्तीफा देने को तैयार हो गए।


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