AMU के प्रोफेसर ने पत्नी को व्हाट्सऐप पर दिया तीन तलाक
punjabkesari.in Sunday, Nov 12, 2017 - 10:19 AM (IST)
अलीगढ़: देश के सबसे जटिल सामाजिक मुद्दों में से एक तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यों की संविधान बेंच ने 22 अगस्त को अपना फैसला सुनाया था। इसके बावजूद भी लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की धज्जिया उड़ा रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला अलीगढ़ का है। जहां यास्मीन खालिद ने अपने पति पर तीन तलाक का आरोप लगाया है। इसके साथ ही यास्मीन ने धमकी दी है कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के साथ वायस चांसलर के घर के सामने खुदकुशी कर लेंगी।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के चेयरमैन खालिद बिन युसूफ खान की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनको गलत तरीके से तीन तलाक पहले व्हाट्सऐप और उसके बाद टेक्स्ट मैसेज भेजकर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि 11 दिसंबर तक उनको न्याय नहीं मिलता तो वह वीसी तारिक मंसूर के घर के सामने अपने 3 बच्चों के साथ खुदकुशी कर लेंगी। यास्मीन ने कहा कि खालिद ने उनको घर से बाहर निकाल दिया और उसके बाद न्याय के लिए वह दर-बदर भटक रही हैं, लेकिन किसी ने न्याय नहीं दिया। हालांकि पुलिस की मदद से किसी तरह शुक्रवार शाम को उनको घर में घुसने की इजाजत मिली।
प्रोफेसर खालिद ने आरोपों को बताया गलत
वहीं प्रोफेसर खालिद ने इन आरोपों का गलत बताते हुए कहा कि मैंने न सिर्फ उनको व्हाट्सऐप और एसएमएस के जरिए तलाक दिया है बल्कि शरिया के मुताबिक 2 लोगों की मौजूदगी में निर्धारित तय अवधि में मौखिक रूप से दिया है। इस मामले में खुद को पीडि़त बताते हुए प्रोफेसर खालिद ने कहा कि मैं नहीं बल्कि मेरी पत्नी पिछले 2 दशकों से मेरा उत्पीड़न कर रही है।
पत्नी ने छुपाई बातें, वह ग्रेजुएट भी नहीं
प्रोफेसर का कहना है कि उसने शादी से पहली अपनी कई बातें मुझसे छुपाईं। वो दावा करती रही कि वह ग्रेजुएट है, लेकिन शादी के बाद पता चला कि वह ग्रेजुएट भी नहीं है।मैं उसको तीसरा तलाक भी तय तारीख को दूंगा और कोई मुझे रोक नहीं सकता। इस पर यास्मीन का कहना है कि वह सिर्फ ग्रेजुएट ही नहीं, बल्कि एएमयू से एमए और बीएड भी है।
क्या कहना है पुलिस का?
एसएसपी राजेश पांडे का इस मामले में कहना है कि पुलिस ने यास्मीन को घर में प्रवेश दिला दिया है। यास्मीन ने पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया है और काउंसलिंग का आग्रह किया है। इस मामले में पुलिस विभाग ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।