झोलाछाप डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, एक ही इंजेक्शन लगाकर 46 लोगों को किया HIV संक्रमित

punjabkesari.in Wednesday, Feb 07, 2018 - 11:06 AM (IST)

उन्नाव(उत्तर प्रदेश): जिले के बांगरमऊ में पिछले 10 महीने में एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक ही सीरिंज से इंजेक्शन लगाकर कम से कम 46 लोगों को एचआईवी संक्रमित कर दिया। झोलाछाप डॉक्टर इस घटना के प्रकाश में आने के बाद से फरार है। पुलिस उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस पी चौधरी ने बताया कि केवल बांगरमऊ तहसील में अप्रैल से जुलाई तक हुए सामान्य परीक्षण में 12 एचआईवी संक्रमित मामले सामने आए। नवंबर 2017 में दूसरे परीक्षण के दौरान 13 और नए एचआईवी के मामले मिले। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 2 सदस्यीय समिति गठित की, जिसने बांगरमऊ के विभिन्न इलाकों में जाकर जांच की और इसके कारणों को जानने की कोशिश की।

चौधरी ने बताया कि समिति ने बांगरमऊ के प्रेमगंज और चकमीरपुर इलाकों का दौरा किया और बांगरमऊ के 3 स्थानों पर 24, 25 और 27 जनवरी को जांच शिविर लगाए। इसके बाद समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी। मुख्य चिकित्साध्किारी ने बताया कि इन जांच शिविरों में 566 लोगों का परीक्षण किया गया, जिनमें 21 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए। इन्हें मिलाकर केवल बांगरमऊ तहसील में ही 46 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।

उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र कुमार पास के गांव में रहता है और उसने सस्ते इलाज के नाम पर एक ही सीरिंज से लोगों को इंजेक्शन लगाए। इसी कारण इस इलाके में इतनी अधिक संख्या में एचआईवी के रोगी सामने आए। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ बांगरमऊ थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। इन सभी एचआईवी संक्रमित लोगों को कानपुर के एआरटी (एन्टी रिट्रोवायरल थेरेपी) केंद्र भेजा गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के मुताबिक 15 से 19 वर्ष के लोगों में एचआईवी का आंकडा 0. 12 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक उम्र वालों की एचआईवी संक्रमण के नए मामलों की वार्षिक संख्या 9474 है।  इस बीच उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।  उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने से यह एचआईवी के मामले सामने आए है। हम मामले की जांच करवा रहे है कि आखिर एक झोलाछाप डॉक्टर की वजह से कैसे इतने लोग एचआईवी संक्रमित हो गए।


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