फैसला विपक्ष की तरफ आया तो हिन्दू समाज राम मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई करेगा: विहिप

punjabkesari.in Wednesday, Mar 21, 2018 - 04:45 PM (IST)

अयोध्या/फैजाबाद(अभिषेक सांवत): विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश चन्द्र ने बुधवार राम जन्म भूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास पर प्रेसवार्ता की। जिसमें संगठन मंत्री ने अयोध्या मामले में 23 मार्च को डे टू डे की सुनवाई पर कहा कि अब निरंतर सुनवाई शुरू होनी चाहिए। जिससे जल्द निर्णय हो सके।

राम मंदिर निर्माण के पक्ष में विहिप 
विश्व हिन्दू परिषद् ने यह स्पष्ट शब्दों में कहा कि भूमि के पक्ष में विहिप नहीं है बल्कि राम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने से लेकर मंदिर निर्माण हो जाने तक विहिप सहयोग की भूमिका में साथ है। दिनेश चन्द्र ने राम मंदिर निर्माण में बाधाओं को दूर करने के सम्बन्ध में कहा कि कोर्ट का फैसला पक्ष या विपक्ष में होने के बावजूद विहिप केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहती है कि मंदिर निर्माण की बाधाओं को जल्द दूर कर मंदिर निर्माण की दिशा प्रशस्त करे। 

अयोध्या एक्ट में बदलाव की मंशा रख रहा विहिप 
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश चन्द्र ने अयोध्या मसले पर कहा कि विहिप अयोध्या एक्ट में बदलाव की मंशा रख रहा है। विहिप का मानना है कि 70 एकड़ भूमि को केंद्र सरकार ने अधिग्रहण किया है। वह उस भूमि को अधिग्रहण से हटाना चाहते है। विहिप का कहना है कि 45 एकड़ भूमि राम जन्म भूमि न्यास की है जोकि अधिग्रहित है जिसका मुआवजा न्यास ने नहीं लिया है। दिनेश चन्द्र ने कहा कि यह न्यास की भूमि है जो राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि विहिप संतो के माध्यम से भूमि तैयार करने में जुटा हुआ है। जिससे संत केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि अधिग्रहित भूमि में से 45 एकड़ भमि न्यास को वापस कर दिया जाए।

मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई शुरू करेगा 
दिनेश ने कहा कि अगर कोर्ट का फैसला पक्ष का ना होकर विपक्ष का होता है तो ऐसे में हिन्दू समाज एक बार फिर राम लला पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई शुरू करेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर संत समाज मंदिर निर्माण के लिए केंद्र से कानून बना कर मंदिर निर्माण के लिए अपील करेगा। अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश चन्द्र ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी अवस्था में अयोध्या के अन्दर बाबरी मस्जिद का निर्माण स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि हिन्दू समाज मंदिर के साथ मस्जिद को स्वीकार नहीं करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार को संत समाज लिखित मौखिक सभी रूपों में अपना पक्ष रख कर बाधांए दूर करवाने की अपील करेगा जिससे मंदिर निर्माण शुरू हो सके।  
 


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