दूसरी शादी के मकसद से धर्म परिवर्तन कर किया गया विवाह अवैध : HC

punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2017 - 11:44 AM (IST)

इलाहाबादः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि महज दूसरी शादी करने के मकसद से धर्म परिवर्तन कर विवाह करना अवैध है। अदालत के फैसले के मुताबिक ऐसी शादी का कानून में कोई विधिक महत्व नहीं है। हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते अपने फैसले में कहा है कि पहली शादी से तलाक हुए बिना दूसरी शादी करना गलत व अवैध है।

विवाह के लिए किया था धर्म परिवर्तन  
जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने शादीशुदा महिला द्वारा धर्म परिवर्तन कर विवाह कर लेने को गलत मानते हुए याची महिला व उसके कथित पति की अर्जी को खारिज कर दिया है और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश से इंकार भी कर दिया है। यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

महिला पहले से है शादीशुदा
याचिनी महिला एक शादीशुदा महिला है। उसकी शादी तीस नवम्बर साल 2016 को हुई थी। बाद में इस महिला ने धर्म परिवर्तन कर लिया और दूसरे आदमी से शादी कर ली। याचिका दायर कर दोनों का कहना था कि वे बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है।

अब परिजनों से है जान का खतरा
उनका कहना था कि महिला के घर वाले शादी से नाराज है और इस कारण उनके जानमाल को खतरा है। इन्होंने अदालत से अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी और साथ ही कहा था कि कोर्ट उनके जानमाल की सुरक्षा करने का प्रशासन को आदेश दे।

धारा 498 के तहत केस दर्ज 
यूपी सरकार की तरफ से इस अर्जी का विरोध किया गया और कहा गया कि इन दोनों के खिलाफ जौनपुर में आईपीसी की धारा 498 के तहत केस दर्ज है। कोर्ट के नूरजहां बेगम उर्फ अंजलि मिश्रा केस का हवाला देते हुए याचीगण के शादी को शून्य करार दिया और उनकी सुरक्षा की मांग को भी खारिज कर दिया।  


 


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