मायावती का 62वां जन्मदिन आज, जानिए दलितों की आवाज बन राजनीति में कैसे जमाई धाक

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 11:33 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 4 बार मुख्यमंत्री रह चुकी और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का आज सोमवार को 62वां जन्मदिन है। इन्हें मायावती के नाम के साथ-साथ देश की 'आयरन लेडी' के नाम से भी जाना जाता है। मायावती अपने जन्मदिन पर 'मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा' का विमोचन करेंगी। इसको 'ब्लू बुक' का नाम दिया गया है।

मायावती की इस किताब में बसपा के खड़े होने की शुरुआती दौर की कहानी है। इसके साथ ही शब्बीरपुर हिंसा में दलित उत्पीड़न का मुद्दा सीडी के जरिए कार्यकर्त्ताओं के बीच रखा जाएगा। मायावती बसपा को अस्तित्व में लाने के लिए संघर्ष कर रही है।

जानिए, कौन हैं मायावती?
बता दें कि मायावती का का जन्म 15 जनवरी, 1956 में श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल, नई दिल्ली में एक हिंदू जाटव परिवार में हुआ। मायावती के पूर्वज ग्राम बादलपुर जिला गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनके परिवार का संबंध दलित उपजाति जाटव (चमार) से है। उनके पिता, प्रभु दास, बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर में एक डाकघर कर्मचारी थे। मायावती के 6 भाई एवं 2 बहनें हैं। परिवार के पुत्रों को निजी स्कूलों में भेजा गया, जबकि बेटियां "कम-प्रदर्शन वाली सरकारी विद्यालयों" में गई थी। बाद में उनके पिता भारतीय डाक-तार विभाग के अनुभाग प्रधान के पद से सेवा निवृत्त हुए। लोग सम्मान में इन्हें बहन जी कह कर पुकारते हैं।

1989 का चुनाव जीतकर पहली बार पहुंची लोकसभा
मायावती 1989 का चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंची। इस चुनाव में बीएसपी को 13 सीटें मिली। खुद मायावती बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। उन्होंने देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति को समझा और दलित मुद्दे को उठाते हुए अपनी आवाज बुलंद की। धीरे-धीरे उनकी पैठ दलितों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय में भी बढ़ती चली गई।

1995 में गठबंधन की सरकार में पहली बार बनी सीएम
वर्ष 1995 में हुए विधानसभा चुनाव में गठबंधन की सरकार में वह पहली बार मुख्यमंत्री बनी। वह उत्तर प्रदेश में दलित मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं। मायावती 13 जून, 1995 से 18 अक्टूबर, 1995 तक मुख्यमंत्री रही। कांशीराम ने मायावती को वर्ष 2001 में पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया।

दलित नेता के रूप में उभरी मायावती
मायावती ने दूसरी बार 21 मार्च 1997 से 20 सितंबर 1997, 3 मई 2002 से 26 अगस्त 2003 और चौथी बार 13 मई 2007 से 6 मार्च 2012 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की कमान संभाली। दलित नेता के रूप में उभरी मायावती देश की राजनीति में अपनी पहचान बना चुकी हैं।

2014 में हुई पार्टी को लगा सबसे बड़ा झटका
मायावती और बसपा को सबसे बड़ा झटका 2014 के लोकसभा चुनाव में लगा। जब मोदी लहर के कारण यूपी में बसपा की कारारी हार हुई। लोकसभा की 80 सीटों में से बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। 2012 यूपी विधानसभा चुनाव, 2014 लोकसभा चुनाव, 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार हुई है। वहीं यूपी के निकाय चुनाव में मायावती की पार्टी के 2 मेयर चुने गए हैं।


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