बूचड़खाने सील होने के कारण इटावा लायन सफारी के शेर बेहाल, नहीं मिल पा रहा मांस

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 11:51 AM (IST)

इटावा:उत्तर प्रदेश की नवगठित आदित्यनाथ योगी सरकार द्वारा अवैध रुप से चलने वाले बूचड़खानों को बंद करने के फरमान के बाद यहां शेरों का पेट भरने के लिए भैंस के मांस के बजाय अब बकरे के गोश्त से काम चलाना पड़ रहा है।

इटावा सफारी पार्क के उप निदेशक डा.अनिल कुमार पटेल ने बताया कि सफारी पार्क में 6 युवा और 2 शावको समेत 8 शेर हैं। उनके खाने के लिए भैंस का मांस दिया जाता रहा है। पिछले कई दिन से मांस की उपलब्धता ना होने की दशा में शेरों और शावकों को बकरे और मुर्गे के मांस खाने के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेरो के लिए बकरे और मुर्गे के मुकाबले भैंस का मांस अधिक बेहतर है। उन्होंने बताया कि यह अकेले इटावा की समस्या नहीं है बल्कि लखनऊ और कानपुर के चिडियाघर को भी इससे जूझना पड़ रहा है। इस समस्या को जल्द दूर करने की कोशिश की जा रही है।

गोश्त सप्लाई करने वाले ठेकेदार हाजी निजाम का कहना है कि अभी तक शेरों के लिए भैंस का गोश्त उपलब्ध कराया जाता था। बूचड़खाने बंद होने से गोश्त नहीं मिल पाने के कारण शेरों के लिए हर दिन 50 किलो बकरे का गोश्त भेजा जा रहा है। ठेकेदार के मुताबिक इससे उन्हें बहुत घाटा हो रहा है, लेकिन शेर भूखे ना मरे, इसलिए वो बकरे का गोश्त उपलब्ध करा रहे हैं। हाजी निजाम ने कहा उन्हें नहीं पता कि कितने दिन वो ऐसा कर पाएंगे। ठेकेदार ने राज्य सरकार से अपील की कि इस तरफ तत्काल ध्यान दें और कम से कम लायन सफारी में शेरों की खातिर पड्डे का गोश्त उपलब्ध कराने की इजाजत दे दी जाए।

गौरतलब है कि इटावा मुलायम सिंह यादव परिवार का गढ़ है। इटावा को पर्यटन नक्से पर जगह देने के लिए ही समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यहां लायन सफारी का ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस समय सफारी में तीन जोड़े शेर-शेरनी हैं। हाल ही में शेरनी जेसिका ने 2 शावकों सुल्तान और संभा को भी जन्म दिया था।  इटावा सफारी पार्क में शेरों के अलावा हिरन सफारी में तीन दर्जन से ज्यादा हिरन मौजूद हैं। अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल के दौरान यहां भालुओं और तेंदुओं को भी लाने की योजना बनाई गई थी। यहां कुल चार सफारियां बनाई जानी थीं, इनमें से डियर सफारी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने छह अक्टूबर 2016 को किया था। 


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