यूपी में नए स्कूलों को मान्यता देना बंद, CM योगी ने लगाई रोक

punjabkesari.in Tuesday, May 09, 2017 - 09:06 AM (IST)

इलाहाबादः यूपी में चरमराई शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में नए स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड मान्यता नहीं देगा। सीएम योगी का ये आदेश पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गया है। इस नियम से बन रहे नए स्कूलों और व्यवसाय बन चुकी शिक्षा व्यवस्था पर लगाम लगेगी! मनमानी फीस वसूलने पर भी अंकुश लगाया जाएगा।

माना जा रहा है कि मान्यता दिए जाने के नियमों में और कड़ाई बरती जाएगी जिसमें मानक तय होने के बाद ही अगला आदेश आएगा। तब तक सूबे के शैक्षिक नीति की खामियां तलाश की जाएंगी। मान्यता को लेकर मानक पूरे करने वालों को बिना किसी आडंबर के मान्यता दी जाएगी। पहले ही मान्यता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने पर निर्णय लिया गया था। जिससे ऑफिस के चक्कर लगाने से राहत मिलती, लेकिन अब योगी सरकार ने तात्कालिक रूप से नए स्कूलों की मान्यता पर रोक लगा दी है।

बोर्ड ऑफिस में गहमा-गहमी 
इलाहाबाद बोर्ड ऑफिस में सरकार के इस आदेश के आने के बाद हड़कंप मच चुका है। चूंकि ये वक्त नए स्कूल को मान्यता देने के लिए किसी सीजन सरीखा होता है। लेकिन अचानक से सरकार की रोक से गहमा-गहमी बढ़ गई। जिनकी फाइले मान्यता के लिए विभाग में अटकी हैं। अब उन पर भी नए आदेश तक निर्णय नहीं होगा। फिलहाल नए स्कूलों की मान्यता में नए नियम क्या होंगे इस पर संशय बना हुआ है।

फैसले पर फैसला 
इस फैसले के पीछे की वजह पूर्ववर्ती सरकार के कई फैसलों पर सीएम योगी का निशाना साधना ही माना जा रहा है। ड्रेस में बदलाव के आदेश से लेकर शिक्षकों की कार्यप्रणाली को सही दिशा में लाने के लिए पूरे सूबे में स्कूलों में चल रही छापेमारी। फिर वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय बंद करने के फैसले के बाद आया ये फैसला एक ही कड़ी का हिस्सा है। गौरतलब है कि लखनऊ में बीते महीने शिक्षा विभाग की प्रेजेंटेशन के दौरान ही इस बाबत संकेत दे दिए गए थे। इसके बाद माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ये विकल्प सरकार को सुझाया था।

मानक तय करेगी मान्यता 
अब सूबे में जब नया आदेश मान्यता के लिए आएगा तब मानक कठोर हो जाएंगे। यूपी बोर्ड से अब मान्यता मिलना जितना आसान होगा उससे कहीं ज्यादा मुश्किल स्कूलों को मान्यता पूरी करने के लिए मानक पूरा करना होगा। जिसमें फीस निर्धारण, स्कूल में बेहतर सुविधा, बिजली, पानी, शौचालय, टीईटी और बीएड पास शिक्षक, भूकंपरोधी स्कूल के कमरे, खेल मैदान समेत कई नए नियम बोर्ड से मान्यता के लिए आवश्यक होंगे।


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