प्रचण्ड बहुमत से नगर निगम पर काबिज हुई भाजपा, बैठक में वन्दे मारतम् का गान कराना भूली

punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2018 - 04:24 PM (IST)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों की तरह कानपुर नगर निगम में भी परम्परा है कि सदन की शुरूआत वन्दे मातरम् गान के साथ होती है। जिन्हें राष्टीय गीत अच्छी तरह याद न हो, उनकी सहूलियत के लिए सदन की सभी चार दीवारों पर बड़े-बड़ेे अक्षरों में राष्टीय गीत लिखे बोर्ड लगाए गए हैं। लेकिन प्रचण्ड बहुमत से नगर निगम पर काबिज हुई भाजपा सदन की आज प्रथम बैठक में वन्दे मारतम् का गान कराना ही भूल गई।
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दरअसल यह चूक राजनैतिक कारणों से हुई है। मंगलवार पहली बैठक में नगर निगम की एक्जीक्यूटिव कमेटी का चुनाव होना था। 12 सदस्यों वाली कमेटी में भाजपा की कोशिश 3/4 सीटों पर कब्जा जमाने की थी। इसी हड़बड़ में सदन शुरू होते ही चुनावी जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो गई और वन्दे मातरम गायन की परम्परा पीछे छूट गई। बाद में भाजपा, कांग्रेस और यहां तक की कुछ मुस्लिम पार्षदों ने हंगामा किया तो कार्यकारिणी के चुनावी की चर्चा रोकर राष्टीय गीत गाया गया।
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बता दें कि नगर निगम में कई पार्षद पहली बार जीत कर पहुंचे होते हैं इसलिए परम्पराओं के निर्वाहन की जिम्मेदारी मुख्यकार्यकारी अधिकारी की होती है। निर्वाचित सदन में यह पद नगर आयुक्त के पास होता है, लेकिन इस गलती को वे अपने शब्दों से रफू करते नजर आए।
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वहीं कानपुर नगर निगम की कार्यकारिणों में दबदबा बनाए रखने के लिए भाजपा के लिए ये जरूरी होगा कि वो उन बागियों पर अनुशासन का डण्डा न चलाए जो पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं और उन्हें पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए राजी कर लें।

उधर, महापौर का कहना है कि बागियों को मनाने का काम पार्टी संगठन ने सम्भाला हुआ है लेकिन बागियों की समस्या केवल भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस और सपा के सामने भी है। खैर, 12 में से 8 कार्यकारिणी सदस्य जिताने के लिए भाजपा ने निर्विरोध निर्वाचन का पैंतरा खेला है और निर्दल पार्षदों को भविष्य में कहीं न कहीं समायोजित करने का लालीपाॅप दिया है।


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