यूपी पुलिस का नया कारनामा, बेगुनाह को बताया अारोपी, लेकिन कोर्ट में खुल गई पोल

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 11:25 AM (IST)

कानपुरः आए दिन अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहने वाली यूपी पुलिस का नया कारनामा सामने आया है, जहां पुलिस के काले कारनामों की पोल कानपुर की एसीएमएम तृतीय के न्यायालय में खुल गई। पुलिस ने यहां एक बुजुर्ग को अपराधी बनाकर कटघड़े में खड़ा कर दिया और मामला जैसे ही जज के सामने पहुंचा तो आरोपी बेगुनाह निकला। पहचान पत्र के रूप में आरोपी ने अपना आधार कार्ड दिखाया तो जज ने रिमांड निरस्त करते हुए पुलिस कर्मियों को फटकार लगाई और उसे रिहा करने के आदेश दिए।

बेगुनाह को जबरन ले गए थाने 
दरअसल, गोविंद नगर के कच्ची बस्ती निवासी मन्नालाल मौर्य (65) 11 दिसंबर को स्नोफीलिया से पीड़ित होने के चलते घर पर आराम कर रहे थे। तभी गोविंद नगर थाने के 2 सिपाही उसके घर आ घमके। पीड़ित ने बताया कि उनमें से एक सिपाही जिसका नाम मुकेश था ने मुझे जबरन थाने चलने को कहा। मैंने कारण पूछा तो उन्होंने जबरन मुझे घसीटते हुए घर के बाहर ले आए। पीड़ित का आरोप है कि मेरे घर से कूछ दूरी पर चौकीं इंचार्ज पहले से मौजूद थे और उन्होंने मुझे बाइक में बैठाकर थाने ले गए। मैने यहां हेड मुहर्रिर अच्छे लाल से अपना गुनाह पूछा तो उसने गाली-गलौज देते हुए मुझे लॉकप में डलवा दिया।

गलत व्यक्ति को किया कोर्ट में पेश
इस मामले में अधिवक्ता हरिशंकर मौर्य ने बताया कि जब उन्होंने न्यायालय की फाइल देखी तो आर्म्स एक्ट में किसी मुन्नालाल मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की नोटिस जारी था। इस खुलासे के बाद गलत व्यक्ति को पकड़कर कोर्ट में पेश करने की सूचना से खलबली मच गई। अधिवक्ता के मुताबिक मन्नालाल ने न्यायालय में अपना पहचान पत्र (आधार कार्ड) लगाया। जिसके बाद न्यायालय ने पुलिस कर्मियों को फटकार लगाते हुए उन्हें रिहा कर दिया। एसपी साउथ अशोक कुमार ने बताया कि मेरी जानकारी में अभी ऐसा मामला नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो गलत है। जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों की जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

65 साल की कमाई इज्जत को मिट्टी में मिलाया
पीड़ित ने कहा कि 65 वर्ष की उम्र में बहुत इज्जत कमाई है। शरीफ आदमी हूं। मैं चिल्लाता रहा, पर पुलिस ने एक न सुनी। एक ही दिन में जिंदगी भर कमाई इज्जत उतार दी। मैं स्नोफीलिया से पीड़ित था। पूछा, क्या आरोप है तो हवालात में डाल दिया। अब पुलिस लगातार दबाव बना रही है। मैं और मेरा पूरा परिवार भयभीत है। पीड़ित का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने मोबाइल और जेब पर रखे 8 हजार रूपए छीन लिए। जब मैने जज के सामने शिकायत की बात कही तो चौकी इंचार्ज ने मेरा पैसा व मोबाइल मेरे घर पहुंचा दिया। इसके बाद अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने मुझे एसीएमएम तृतीय के न्यायालय में पेश किया।


 


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