दुनिया राम की अनुयायी मगर देश में अयोध्या का नाम लेने वाला सांप्रदायिक: योगी

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 03:43 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे को पर्यटन की दृष्टि से काफी समृद्धि बताते हुए कहा कि थाइलैंड और इन्डोनेशिया जैसे देशों में राम नाम की धूम है लेकिन यहां तो अयोध्या का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति साम्प्रदायिक कहा जाने लगता है।

योगी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कहा कि भगवान राम और कृष्ण ने पूरे देश को सांस्कृतिक दृष्टि से एक धागे में पिरोया। राम ने उत्तर को दक्षिण से जोड़ा तो श्रीकृष्ण ने पूरब और पश्चिम में अटूट रिश्ता कायम किया। लोग इतिहास भूल गए हैं। आलम यह है कि अयोध्या का नाम ले लेने मात्र से ही व्यक्ति साम्प्रदायिक कहा जाने लगता है।

योगी ने कहा कि श्रीराम ने वन गमन यात्रा के जरिए उत्तर को दक्षिण से जोड़ा। वह चित्रकूट, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलांगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु होते हुए श्रीलंका पहुंचे थे। इसी तरह श्रीकृष्ण अपनी पत्नी रुकमणि को मेघालय से लाए थे। अरुणाचल प्रदेश के लोग भी कहते हैं कि रुकमणि उनके यहां की थीं। मेघालय और अरुणाचल देश के पूर्वी हिस्से में स्थित है। कृष्ण ने अरुणाचल से द्वारिकापुरी तक देश को एक सूत्र में बांधा। राम और श्रीकृष्ण ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया, लेकिन धर्मनिरपेक्षता की पट्टी आंखों पर बांधने वालों ने भारत की एकता और अखण्डता बनाये रखने पर गम्भीर नहीं रहे।

उन्होने कहा कि खुशी की बात है कि मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन है। नागालैंड में भी भाजपा सरकार बनाएगी। देश को एक धागे में पिरो कर रखने में भाजपा ही सक्षम है। भाजपा पूरे देश को एक साथ रखने के साथ ही सांस्कृतिक एकता भी कायम रखेगी जिससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उनका कहना था कि बौद्ध धर्मावावलम्बियों के देश थाईलैंड और दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में भी राम की धूम है।

योगी ने कहा कि थाईलैंड में दुनिया का सबसे बडा मंदिर अंकोरवाट मौजूद है। पूरे मंदिर में रामायण के चित्रों को उकेरा गया है। थाईलैंड का राजा अपने को राम का वंशज बताते हैं। अपना महल रामायण को दान कर दिया है। थाईलैंड में राम और बुद्ध ही दिखाई पड़ते हैं। इंडोनेशिया की मुद्रा पर गणेश का चित्र अंकित है। उनका राष्ट्रीय उत्सव रामलीला है। थाईलैंड और इंडोनेशिया में राम की धूम है, लेकिन यहां राम का नाम ले लीजिए तो लगता है कि साम्प्रदायिकता का जहर निगल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक सांस्कृतिक रुप से लोगों को जोड़ने की गम्भीर पहल ही नहीं की गई। केन्द्र के सहयोग से राज्य सरकार इस दिशा में ठोस पहल कर रही है।


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