CM योगी ने कानपुर में पहुंचकर किया बिठूर महोत्सव का शुभारंभ, पत्थर घाट पर की गंगा आरती

punjabkesari.in Wednesday, Dec 20, 2017 - 06:59 PM (IST)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के सीएम बुधवार की शाम बिठूर महोत्सव में शामिल होने के लिए कानपुर पहुंचे। योगी ने पत्थर घाट जाकर गंगा की आरती की और फिर नानाराव स्मारक प्रागंण में महोत्सव का शुभारंभ किया । बता दें 24 दिसंबर तक चलने वाले महोत्सव में प्रतिदिन गंगा आरती होगी। इस मौके पर सीएम ने कहा कि कानपुर से लेकर इलाहाबाद तक गंगा और मैली है और इसे स्वच्छ और स्वस्थ्य रखने की जिम्मेदारी सरकार और पब्लिक की है। मां गंगा का जल देखकर मेरा मन रो पड़ा, इसी लिए अब क्रांतिकारियों की नगरी से गंगा को साफ करने के लिए हम प्रण लें कि अगले साल जब महोत्सव के अवसर पर हम आप मिलें तो गंगा प्रदूषण से मुक्त नदी दिखे।

गंगा आरती के बाद सीएम का दर्द छलका
बता दें 2 साल के बाद आज क्रांतिकारियों की नगरी से सीएम ने बिठूर समारोह स्थल पर नानाराव पेशवा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर 1857 क्रांति यात्रा और विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके पहले सीएम योगी आदित्यनाथ बिठूर घाट जाकर गंगा आरती की। आरती वाराणासी से आए पंडितो ने विध-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ कराया। गंगा आरती के बाद सीएम का दर्द छलक पड़ा।

कानपुर से लेकर इलाहाबाद तक गंगा का जल बहुत मैला-सीएम
सीएम योगी ने कहा कि कानपुर से लेकर इलाहाबाद तक गंगा का जल बहुत मैला है और इसे साफ करने के लिए आमजनता के साथ शासन-प्रशासन को युद्ध स्तर पर काम करना होगा। क्रांतिकारियों की नगरी से हम और आप मिलकर प्रण लें की मां गंगा को अगले साल तक निर्मल कर देंगे। अगर ऐसा हम गंगा को निर्मल और अविरल नहीं कर पाए तो अपनी आने वाली पीढ़ी को जवाब नहीं दो पाएंगे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अतीत से जोड़ने के लिए इस तरह के महोत्सव सबसे शसक्त साधन हैं।

पिछली सरकारों ने विकास पर ध्यान नहीं दिया-योगी
साथ ही उन्होंने कहा कि बिठूर धार्मिक और क्रांतिकारियों की नगरी है, लेकिन पिछले सरकारों ने इसके विकास पर ध्यान नहीं दिया। यहीं पर मां सीता और उनके बेटे लव और कुछ कई साल गुजारे। वाल्यमिक ने रामायण की रचना की, बावजूद ये स्थान बदहाल है। भाजपा सरकार बिठूर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करेगी। सीएम ने कहा कि सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है लेकिन इसके लिए जनसहभागिता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हमें देश को कुछ न कुछ देना है ताकि आने वाला भविष्य सुधर सके।


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