किसानों की आत्महत्या पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार काे जारी किया नोटिस

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2017 - 05:36 PM (IST)

उत्तराखण्डः राज्य मेें किसानों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहें हैं। इन मामलों पर रोक लगाने के लिए इसके कारणों तक पहुंचना बहुत जरुरी हो चुका है। इसी के अंतर्गत हाईकोर्ट ने केंद्र तथा राज्य सरकार के साथ-साथ आर.बी.आई को भी मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

ऐसे कई मामले हाईकोर्ट के सामने आए है, जिनमें कर्ज में डूबे किसानों ने आत्महत्या की है। इस मामले की जनहित याचिका उधम सिंह नगर जिले के शांतिपुरी निवासी गणेश उपाध्याय द्वारा की गई, जिसमें कहा गया कि जून 2017 के बाद से राज्य में कर्ज में डूबे लगभग 5 किसानों ने आत्महत्या की।

पहले खटीमा के हल्दी पछेड़ा गांव के 42 वर्षीय किसान राम अवतार ने जून महीने में पेड़ पर फांसी लगाकर जान दी थी। दूसरे केस में 16 जून 2017 को पिथौरागढ़ में ग्रामीण कॉपरेटिव बैंक से लोन संबंधी नोटिस आने के बाद किसान ने आत्महत्या की थी। तीसरे केस में 30 जून को बाजपुर के 38 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह को बैंक से नोटिस आने के बाद 12 जुलाई को उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। चतुर्थ केस में 7 सितंबर को 65 वर्षीय राधा किशन का हृदयगति रुकने से देहांत हो गया, जिन्होंने कृषि लोन लिया था ओर देने में असफल थे।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय से किसानों के कर्ज की धनराशि देने में असफल होने पर राहत देने की मांग की है । आज मुख्य न्यायाधीश के.एम.जोसफ और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को  नोटिस जारी करते हुए 21 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है ।  

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static