बद्रीकाश्रम विवाद में स्वरूपानंद को मिली राहत, वासुदेवानंद की अर्जी खारिज

punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2016 - 08:30 AM (IST)

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को बड़ी राहत देकर स्वामी वासुदेवानंद की अर्जी आज खारिज कर दी। वासुदेवानंद ने अर्जी दाखिल कर न्यायालय से मांग की थी कि निचली अदालत के उस आदेश को जिसमें कहा गया है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद ही बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य हैं, के खिलाफ उनकी अपील की सुनवाई को एक बार फिर निचली अदालत को भेजा जाए।

जानकारी के अनुसार शंकराचार्य स्वरूपानंद ने अर्जी दायर कर कहा था कि वासुदेवानंद की अपील पर उच्च न्यायालय काफी हद तक सुनवाई कर चुका है। अब ऐसी स्थिति में फिर से बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य विवाद को लोअर कोर्ट को भेजना ठीक नहीं है। अदालत में यह भी दलील रखी गई कि चूंकि स्वामी स्वरूपानंद की उम्र भी 94 वर्ष की हो रही है, ऐसे में मुकद्दमे को सुनवाई के लिए लोअर कोर्ट भेजने से शंकराचार्य के जीवनकाल में सुनवाई हो पाना सम्भव नहीं है।

न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और न्यायाधीश एस.बी. सिंह की खंडपीठ ने आदेश पारित कर कहा कि स्वामी स्वरूपानंद की अर्जी स्वीकार की जाती है तथा वासुदेवानंद की अर्जी खारिज की जाती है।

गौरतलब है कि निचली अदालत ने शंकराचार्य स्वरूपानंद का वाद मंजूर कर आदेश दिया कि वही बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य हैं। आदेश दिया गया कि वासुदेवानंद शंकराचार्य के रूप में न तो अपने को प्रदर्शित करेंगे, न क्षत्र चंवर का ही प्रयोग करेंगे। इसी आदेश के खिलाफ वासुदेवानंद की अपील उच्च न्यायालय में लम्बित है, जिसकी सुनवाई वह अब लोअर कोर्ट में करवाना चाह रहे थे।