टैंकर घोटाला राजनीति से प्रेरित साजिश: शीला दीक्षित

punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2016 - 09:52 AM (IST)

इलाहाबाद: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दावा किया कि ‘टैंकर घोटाला’ राजनीति से प्रेरित षड्यंत्र है जिसका मकसद उत्तर प्रदेश में उनके चुनाव प्रचार अभियान को नुकसान पहुंचाना है जहां कांग्रेस ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है। उन्होंने कहा कि कथित टैंकर घोटाला राजनीति से प्रेरित साजिश है। वक्त को देखते हुए यह साफ है। मामला एेसे समय उठाया गया है जब मैं उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार में व्यस्त हूं।

टैंकर घोटाला दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में दीक्षित के कार्यकाल के दौरान दिल्ली जल बोर्ड द्वारा खरीदे गए स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों की खरीद में कथित अनियमितताओं से संबंधित हैं। दीक्षित ने कहा कि कथित अनियमितताओं पर शोर मचा रही आम आदमी पार्टी भी नहीं कह सकती कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता किया गया था क्योंकि मेरे कार्यकाल में खरीदे गए सभी टैंकर इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रचार अभियान समिति के प्रमुख संजय सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा विधायक रीता बहुगुणा जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ दीक्षित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं। उसके बाद उन्होंने राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे वाहनों को रवाना किया। एक प्रश्न के उत्तर में दीक्षित ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि प्रियंका गांधी की मौजूदगी में केवल पार्टी कार्यकर्त्ता ही नहीं बल्कि आम लोग भी उर्जावान महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन हमें यह फैसला लेने के उनके अधिकार का सम्मान करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार अभियान में कब और कहां शामिल होना है। भाजपा पर अयोध्या में राम मंदिर समेत सभी मुद्दों पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए दीक्षित ने दावा किया कि राज्य की जनता उन सभी दलों से तंग आ गयी है जिन्होंने 27 साल पहले कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद से उत्तर प्रदेश की सत्ता बारी बारी से संभाली है।

उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस की दुखद घटना घटी थी। तब से भाजपा हर चुनाव में राम मंदिर का वादा करती है। वह पूर्ण बहुमत के साथ केद्र में आई और 2 साल से अधिक समय से सरकार में है लेकिन इस मुद्दे पर एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकी है।