खुदीराम बोस का 110वां शहादत दिवस केंद्रीय कारा के फांसी स्थल पर मनाया गया

punjabkesari.in Saturday, Aug 11, 2018 - 07:12 PM (IST)

मुजफ्फरपुरः शहीद खुदीराम बोस का 110वां शहादत दिवस केंद्रीय कारा के फांसी स्थल पर सम्मानपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर आईजी डीआईजी, एसएसपी, एसडीओ और जिलाधिकारी सहित बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्प और माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

देश की आजादी के लिए कम उम्र में अपने प्राण त्यागने वाले देशभक्तों में खुदीराम बोस का नाम भी शामिल है। जिस उम्र में बच्चे खेलने, घूमने-फिरने और पढ़ाई के बारे में सोचते हैं उस उम्र में इनके अंदर देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था। मात्र 18 वर्ष की आयु में यह युवा क्रांतिकारी हाथ में गीता लेकर फांसी के फंदे पर लटक गया था। 

खुदीराम का जन्म 3 दिसंबर 1889 को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के बहुवैनी नामक गांव में बाबू त्रैलोक्यनाथ बोस के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। नौंवी कक्षा के बाद खुदीराम ने पढ़ाई छोड़ दी और देश को आजादी दिलाने के आंदोलन में शामिल हो गए। 

खुदीराम बोस को एक क्रूर अंग्रेज अधिकारी को मारने की जिम्मेदारी सौंपी गई। एक दिन मौका देखकर उन्होंने किंग्सफोर्ड की बग्घी में बम फेंक दिया लेकिन उस बग्घी में किंग्सफोर्ड मौजूद नहीं था बल्कि एक दूसरे अंग्रेज़ अधिकारी की पत्नी और बेटी थीं जिनकी इसमें मौत हो गई। इसके बाद मात्र 18 साल की उम्र में हाथ में गीता लेकर फांसी पर चढ़ गए। 

prachi