Lok Sabha Election 2019: एक नजर नालंदा लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 12:52 PM (IST)

नालंदाः लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के तहत बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होने हैं। इससे पहले छह चरणों में राज्य की 32 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। सातवें चरण में नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद लोकसभा सीट पर मतदान होने हैं। इस खबर में हम आपको नालंदा लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। आज भी यहां पर विश्व की सबसे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष मौजूद हैं। बुद्ध और महावीर से भी इस स्थान का जुड़ाव रहा है। पर्यटकों को देखने के लिए यहां नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष, संग्रहालय, नव नालंदा महाविहार और ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल जैसे बहुत कुछ मौजूद है। भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक को यहीं पर उपदेश दिया था।
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अब नालांदा के राजनीतिक इतिहास के बारे में आपको बताते हैं। यहां पर साल 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कैलाशपति सिन्हा सांसद बने। 1957 में भी कैलाशपति सिन्हा ही सांसद चुने गए। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के टिकट पर सिद्धेश्वर प्रसाद लगातार तीन बार सांसद बने। 1977 में इस सीट पर भारतीय लोक दल को जीत मिली और बीरेंद्र प्रसाद सांसद चुने गए। 1980 और 1984 में यह सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में गई और दोनों बार विजय कुमार यादव सांसद बनने में कामयाब रहे। साल 1989 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और रामस्वरूप प्रसाद सांसद चुने गए लेकिन 1991 में फिर से विजय कुमार यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद 1996 और 1998 में यह सीट समता पार्टी के खाते में गई और दोनों बार जार्ज फर्नान्डिस सांसद चुने गए। इसके बाद 1999 में भी जार्ज फ़र्नान्डिस सांसद चुने गए लेकिन इस बार फर्नान्डिस जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़े थे।

2004 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर ही नीतीश कुमार सांसद चुने गए लेकिन 2005 में नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने। तब इस सीट पर साल 2006 में JDU के टिकट पर रामस्वरूप प्रसाद सांसद चुने गए। इसके बाद 2009 और 2014 में JDU के टिकट पर कौशलेद्र कुमार लगातार दो बार सांसद बनने में कामयाब रहे हैं। 2019 में भी NDA की ओर से जेडीयू ने कौशलेंद्र कुमार को एक बार फिर से मैदान में उतारा है तो महागठबंधन की ओर से जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने अशोक कुमार आजाद को मैदान में उतारा है।

नए परिसीमन के बाद नालंदा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें नालंदा जिले की अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

जिला विधानसभा क्षेत्र
नालंदा अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत

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इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में नालंदा में कुल मतदाताओं की संख्या 21 लाख 2 हजार 410 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 11 लाख 14 हजार 6, महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 88 हजार 325 और ट्रांस जेंडर के कुल 79 मतदाता शामिल हैं।
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एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
साल 2014 में इस सीट पर जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार ने 3 लाख 21 हजार 982 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं LJP के सत्य नंद शर्मा 3 लाख 12 हजार 355 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के आशीष रंजन सिन्हा को 1 लाख 27 हजार 270 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
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2009 लोकसभा चुनाव के नतीजे 
साल 2009 में जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार ने 2 लाख 99 हजार 155 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं LJP के सतीश कुमार 1 लाख 46 हजार 478 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि LTSD के अनिल सिंह को 20 हजार 335 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
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एक नजर 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
साल 2004 की बात करें तो JDU के नीतीश कुमार ने 4 लाख 71 हजार 310 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं LJNSP के डॉ. कुमार पुष्पंजय 3 लाख 68 हजार 914 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि CPI(ML)L के परमानंद प्रसाद को 19 हजार 124 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
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