Loksabha Election 2019: एक नजर वैशाली लोकसभा सीट पर
punjabkesari.in Thursday, May 09, 2019 - 05:00 PM (IST)

वैशालीः बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान होने हैं जिनमें से पांच चरणों में 24 सीटों पर मतदान हो चुके हैं। 12 मई को छठे चरण के तहत आठ सीटों पर मतदान होने हैं जिनमें वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज शामिल हैं। इस खबर में हम आपको वैशाली लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक वैशाली लोकसभा सीट है। एतिहासिक रूप से वैशाली का महत्व काफी ज्यादा है। वैशाली भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मस्थली रही है। यह जैन मतावलंबियों के लिए पवित्र नगरी है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानी ‘रिपब्लिक’ कायम किया गया था। इतना ही नहीं यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के साथ-साथ केला, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यह सीट साल 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद साल 1977 में अस्तित्व में आई। मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा और वैशाली विधानसभा को मिलाकर इस संसदीय सीट का गठन किया गया। इस लोकसभा क्षेत्र में राजपूत, यादव और भूमिहार जाति की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर आपातकाल के बाद पहली बार साल 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के दिग्विजय नारायण सिंह चुनाव जीते। इसके पहले दिग्विजय नारायण सिंह कांग्रेस के टिकट पर 5 बार सांसद रह चुके थे। साल 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर किशोरी सिन्हा सांसद चुनी गईं।
साल 1984 में यह सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस–इंदिरा के पास गई और किशोरी सिन्हा एक बार फिर से सांसद चुनी गईं। साल 1989 में यह सीट जनता दल के खाते में गई और उषा सिन्हा सांसद बनीं। साल 1991 में जनता दल के शिव शरण सिंह यहां से चुनाव जीते। साल 1994 में हुए उपचुनाव में समता पार्टी की लवली आनंद इस सीट से सांसद बनीं। लवली आनंद बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी हैं। साल 1996 में रघुवंश प्रसाद सिंह जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद 1998, 1999, 2004 और 2009 में आरजेडी के टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। साल 2014 में मोदी लहर में इस सीट पर एलजेपी के रामा सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2019 में इस सीट पर NDA की ओर से LJP ने वीणा देवी को मैदान में उतारा है जबकि महागठबंधन की ओर से यह सीट आरजेडी के खाते में गई है और यहां से रघुवंश प्रसाद सिंह एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं।
जिला | विधानसभा क्षेत्र |
मुजफ्फरपुर | मीनापुर, कान्ति, बरुराज, पारु और साहेबगंज |
वैशाली | वैशाली |
साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो वैशाली लोकसभा की 6 विधानसभा सीटों में से तीन सीटें आरजेडी के खाते में गई थीं। वहीं बीजेपी-जेडीयू और निर्दलीय उम्मीदवार एक-एक सीट पर जीतने में कामयाब रहे थे। इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में वैशाली में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 21 हजार 658 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 24 हजार 62 महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 97 हजार 548 और ट्रांस जेंडर के कुल 48 मतदाता शामिल हैं।
एक नजर साल 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2014 में इस सीट पर LJP के राम किशोर सिंह ने 3 लाख 5 हजार 450 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं RJD के रघुवंश प्रसाद सिंह 2 लाख 6 हजार 183 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JDU के विजय कुमार साहनी को 1 लाख 45 हजार 182 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर साल 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2009 की बात करें तो RJD के रघुवंश प्रसाद सिंह ने 2 लाख 84 हजार 479 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं JDU के विजय कुमार शुक्ला 2 लाख 62 हजार 171 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि BSP के शंकर महतो को 17 हजार 462 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर साल 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2004 की बात करें तो RJD के रघुवंश प्रसाद सिंह ने 3 लाख 61 हजार 503 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं निर्दलीय विजय कुमार शुक्ला 2 लाख 55 हजार 568 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JDU के डॉ हरेंद्र कुमार को 73 हजार 287 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।