मंजू वर्मा के इस्तीफे के बाद उनका सरकारी आवास बन गया मनहूसियत का प्रतीक, जानिए वजह

punjabkesari.in Thursday, Aug 09, 2018 - 07:04 PM (IST)

पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। मंत्री के इस्तीफा देने के बाद उनके बंगले को मातम का प्रतीक माना जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों से जो भी मंत्री पटना के स्ट्रैंड रोड पर स्थित बंगला नंबर 6 में रहने आया वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। यही कारण है कि मंत्री मंजू वर्मा का बंगला चर्चा का विषय बना हुआ है। 

सबसे पहले जदयू नेता हुए इस बंगले की मनहूसियत का शिकार 
इस बंगले की मनहूसियत के सबसे पहले शिकारी जदयू नेता और उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा बनेे। यह 2010 में मंत्री बने थे और अक्टूबर 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान उन पर घूस लेने का आरोप लगा जिसके कारण अपना कार्यकाल पूरा होने के दो महीने पहले ही उन्हें अपना मंत्री पद और बंगला दोनों छोड़ना पड़ा। 

दूसरी बार राजद नेता को छोड़ना पड़ा यह बंगला 
इसके बाद 2015 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत होने पर राजद की तरफ से आलोक मेहता सहकारिता मंत्री बने और उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया। उन पर इस बंगले की मनहूसियत का असर तब पड़ा जब सीएम नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया। 18 महीने के बाद ही आलोक मेहता को भी यह बंगला खाली करना पड़ा।

मुजफ्फरपुर कांड में पति का नाम आने पर मंजू वर्मा ने दिया इस्तीफा 
तीसरे नंबर पर आती हैं समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा। 2017 में जदयू-भाजपा की सरकार बनने पर मंजू वर्मा को समाज कल्याण विभाग का पदभार सौंपा गया। बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में मंजू वर्मा के पति का नाम आने पर विपक्ष के दबाव के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। मंजू वर्मा केवल एक साल तक मंत्री रह पाईं। 

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