Lok Sabha election 2019ः लोकप्रियता के बावजूद चिराग को जमुई में मिल सकती है कड़ी टक्कर

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2019 - 05:52 PM (IST)

जमुईः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान पांच साल पहले मोदी लहर में जमुई सुरक्षित सीट से आसानी से संसद पहुंच गए थे लेकिन इस बार जातीय समीकरण में हुए बदलाव के कारण उनकी राह वैसी आसान नहीं दिख रही। 

फिल्म में अभिनय के बाद राजनीति में आए चिराग
36 वर्षीय चिराग पासवान ने अपने करियर की शुरूआत फिल्म में अभिनय से की थी। उन्हें समीक्षकों की वाहवाही तो मिली लेकिन फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं रही। इसके बाद वह राजनीति में आए और 2014 में करीब 80 हजार मतों से विजयी हुए थे। यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों मुंगेर, जमुई और शेखपुरा में फैला हुआ है और इसमें विधानसभा के छह क्षेत्र आते हैं। 

कड़ी टक्कर के आभास के चलते क्षेत्र में चिराग कर रहे हैं प्रचार
जदयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग में शामिल होने से चिराग को महादलितों का समर्थन भी हासिल हो सकता है। नीतीश कुमार सरकार ने 2007 में दलित समूहों में सबसे ज्यादा निर्धन लोगों को महादलित नाम दिया था और उनके कल्याण के लिए विशेष योजनाओं की शुरूआत की थी। चिराग को कड़ी टक्कर का आभास है और शायद यही वजह है कि वह पिछले कई दिनों से अपने क्षेत्र में ही प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह जैसे स्टार प्रचारक उनके पक्ष में प्रचार कर चुके हैं। 

पहले आम चुनाव में विजयी रहे थे भूदेव चौधरी
2008 में हुए परिसीमन के बाद यह क्षेत्र अस्तित्व में आया और उसके बाद हुए पहले आम चुनाव में भूदेव चौधरी विजयी रहे। इस बार वह चिराग के सामने मैदान में हैं। इस क्षेत्र में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान होना है। 2009 में राजग उम्मीदवार रहे चौधरी ने जदयू से चुनाव लड़ा और उनके प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार श्याम रजक थे। चौधरी इस चुनाव में महागठबंधन के तहत रालोसपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। 

रामविलास पासवान ने 2 दशक पहले किया था लोजपा का गठन
चिराग पासवान अपनी पार्टी के नेता के रूप में उभरे हैं। उनके पिता रामविलास पासवान ने लगभग दो दशक पहले इस पार्टी का गठन किया था। उनके क्षेत्र के मतदाता केंद्रीय विद्यालय, एक मेडिकल कॉलेज, गोद लिए गए गांव तक सड़क संपर्क, एक नई रेलवे लाइन आदि को चिराग की उपलब्धियों के रूप में स्वीकार करते हैं। चिराग अपनी विनम्रता के कारण आसानी से लोगों के साथ घुल-मिल जाते हैं। उनके क्षेत्र में लगभग 15.5 लाख मतदाता हैं, जिनमें 46.58 प्रतिशत महिलाएं हैं। 

कुछ राजनीतिक घटनाओं ने कठिन बना दी है लोजपा सांसद की राह
बिहार की राजनीति में अकसर जातीय समीकरण अन्य चीजों पर हावी रहता है और कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने लोजपा सांसद की राह को कुछ हद तक कठिन बना दिया है। पड़ोसी क्षेत्र बांका से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने पर पुतुल कुमारी को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। इससे यहां राजपूत मतदाताओं में नाराजगी है।

prachi