CM नीतीश के दौरे के दौरान एक और बच्चे की मौत, 135 तक पहुंचा मरने वालों का आंकड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 18, 2019 - 03:16 PM (IST)

मुजफ्फरपुरः बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने बच्चों का हालचाल जाना। सीएम नीतीश कुमार के दौरे के दौरान एक और बच्चे की मौत हो गई। मरने वालों का आंकड़ा 135 तक पहुंच चुका है।

मुजफ्फरपुर का दौरा करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से कोई बात किए बिना वहां से निकल गए। मुजफ्फरपुर के अस्पताल का दौरा करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार का लोगों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। स्थानीय लोगों ने नीतीश कुमार वापस जाओ के नारे लगाए। बच्चों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया।
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इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी। बैठक में फैसला लिया गया कि बच्चों के इलाज पर होने वाले खर्च को भी अब सरकार उठाएगी। मृतकों के परिवार को मुआवजे के तौर पर 4-4 लाख रुपए दिए जाएंगे। सरकार ने फैसला किया है कि उनकी टीम हर उस घर में जाएगी जिस घर में इस बीमारी से बच्चों की मौत हुई है, टीम बीमारी के बैक ग्राउंड को जानने की कोशिश करेगी क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि आखिर इस बीमारी की वजह क्या है।


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इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है।


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इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मुजफ्फरपुर पहुंचे थे जहां सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया था। इस दौरान उनके साथ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद रहे। 

क्या है इंसेफेलाइटिस
यह एक दिमागी बुखार है जो कि वायरल संक्रमण की वजह से फैलता है। यह मुख्य रुप से गंदगी में पनपता होता है। जैसे ही यह हमारे शरीर के सपंर्क में आता है वैसे ही यह दिमाग की ओर चला जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं।


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ये हैं बीमारी के लक्षण
डॉक्टरों का कहना है कि इससे बुखार, सिरदर्द, ऐंठन, उल्टी और बेहोशी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। रोगी का शरीर निर्बल हो जाता है। वह प्रकाश से डरता है। कुछ रोगियों के गर्दन में जकड़न आ जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ रोगी लकवा के भी शिकार हो जाते हैं।
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ये हैं बचाव के तरीके
इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए समय से टीकाकरण करवाना चाहिए। आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करें और घरों के आस पास पानी न जमा होने दें। बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान दें।


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prachi

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