राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में बोले CM नीतीश- बिहार के हर ग्राम पंचायत में शाखा खोलें बैंक

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 04:17 PM (IST)

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बैंकों से प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में शाखा खोलने की अपील करते हुए कहा कि इसके लिए सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाने को तैयार है।

नीतीश कुमार ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 69वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती हैं। करीब 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि है। उन्होंने कहा कि बिहार में पशु एवं मत्स्य पालन की काफी संभावनाएं हैं। इसमें यदि आपलोग ऋण देंगे तो लोगों को काफी मदद मिलेगी। राज्य के लोगों की मदद कीजिए, उन्हें प्रेरित कीजिए। बैंकों के शाखाओं की संख्या को बढ़ाईये। बिहार के हर ग्राम पंचायत में बैंकों की शाखा खोलें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार स्थलरुद्ध राज्य है, हमलोगों ने हमेशा बिहार के लिए विशेष दर्जा की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां बड़े उद्योग नहीं लग पाते हैं लेकिन यहां माईक्रो, स्माल एवं मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज की संभावना है। बैंकों के सहयोग से इसमें गति आ सकती है। राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए इंडस्ट्रियल प्रमोशनल पॉलिसी के माध्यम से सहायता कर रही है। राज्य का ग्रोथ रेट 11.3 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से एवं देश के अन्य राज्यों से अधिक है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों का बैंकों पर सबसे ज्यादा भरोसा है, वह अपने बचे हुए पैसों को बैंक में ही जमा करते हैं। बिहार के लोग ज्यादा कर्ज लेना नहीं चाहते हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। यहां के लोगों का व्यापार बढ़ा है, हर जगह दुकानें खुली हैं, पटना के अलावा राज्य के छोटे शहरों में भी सभी तरह के सामानों की बिक्री हो रही है। यहां की आबादी अधिक है जिसके कारण लोगों का प्रतिव्यक्ति आय 40 हजार रुपये से कम है। बिहार के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर करने में बैंकिंग सिस्टम की बड़ी भूमिका हो सकती है।

सीएम ने कहा कि पहली बार विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य के छह जिलों और 44 प्रखंडों में स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया जिसे जीविका नाम दिया गया और बाद में पूरे राज्य में इसे शुरु किया गया। अब तक साढ़े आठ लाख जीविका समूह का गठन हो चुका है जिससे 1 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। सरकार का लक्ष्य 10 लाख जीविका समूह बनाने का है।

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