मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केसः अदालत ने ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर CBI से मांगा जवाब

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 06:35 PM (IST)

पटना/नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में कई लड़कियों के कथित यौन और शारीरिक शोषण मामले के मुख्य आरोपी की याचिका पर सीबीआई से 18 जनवरी तक जवाब मांगा है।

याचिका में दावा किया गया है कि मामले में गवाहों के बयान विश्वसनीय नहीं हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में दावा किया गया है कि अभियोजन पक्ष के गवाहों द्वारा पेश किया गया मामला ‘‘झूठा, गढ़ा हुआ और मनगढ़ंत'' है। इससे पहले अदालत ने मामले पर फैसला तीसरी बार 20 जनवरी तक टाल दिया था।

याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने आठ जनवरी को उच्चतम न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि आश्रय गृह की कुछ लड़कियां जीवित हैं। इनके बारे में माना जा रहा था कि इनकी कथित तौर पर हत्या कर दी गई है। वकील पीके दुबे के जरिए दायर की गई ठाकुर की याचिका में दावा किया गया है कि आश्रय गृह यौन शोषण मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह विश्वसनीय नहीं है और हत्या के आरोपों की जांच उनके बयानों पर आधारित है।

याचिका में कहा गया है कि निष्पक्ष मुकदमे के लिए ये तथ्य प्रासंगिक और आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त कहा गया कि यह जिक्र करना मुनासिब होगा कि हत्या के आरोपों की जांच दुष्कर्म पीड़िताओं के बयानों पर आधारित हैं जो मामले में अभियोजन के गवाह हैं। उन्होंने अदालत में आरोपी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

अदालत ने पहले 14 जनवरी तक आदेश टाल दिया था क्योंकि न्यायाधीश छुट्टी पर थे और इससे पहले फैसले को एक महीने तक टाल दिया था क्योंकि तिहाड़ केंद्रीय कारागार में बंद 20 आरोपियों को राष्ट्रीय राजधानी में सभी छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल के कारण अदालत में लाया नहीं जा सका था। अदालत ने दुष्कर्म करने और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म करने की आपराधिक साजिश के आरोपों के लिए ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ 20 मार्च 2018 को आरोप तय किए थे। आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष हैं।


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prachi

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