पूर्व MP शहाबुद्दीन ने तिहाड़ जेल में ‘एकांत कोठरी'' में रखे जाने के खिलाफ SC में दायर की याचिका

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 05:54 PM (IST)

नई दिल्ली/पटनाः दोहरे हत्याकांड के अपराध में उम्र कैद की सजा भुगत रहे राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने तिहाड़ जेल में बुनियादी सुविधाओं के लिए बुधवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।

इस याचिका मे आरोप लगाया गया है कि उन्हें जेल में नमाज पढ़ने के स्थान सहित बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई हैं। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह शहाबुद्दीन की शिकायतों पर गौर करें। पीठ ने इसके साथ ही यह मामला दो सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया। इससे पहले राजद के पूर्व सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल को जेल के भीतर टहलने की इजाजत दी जानी चाहिए। राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन 2004 में हुए एक दोहरे हत्याकांड के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। उन्हें शीर्ष अदालत ने 2018 में बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया था।

शहाबुद्दीन ने इस याचिका में पिछले साल 30 अगस्त के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने कथित एकांत कोठरी से उन्हें छुटकारा, नमाज के लिए जगह और जेल में अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने जैसी राहत देने से इंकार कर दिया था। उच्च न्यायालय शहाबुद्दीन की इस दलील से सहमत नहीं था कि उसे तिहाड़ जेल में एकांत में रखा जा रहा है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि उसे एकांत कोठरी में नहीं बल्कि एक अलग खंड में रखा गया है। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि उसे अत्यधिक खतरे वाला अपराधी होने की वजह से ही अन्य कैदियों के साथ घुलने मिलने की अनुमति नहीं दी गई है लेकिन उसे जेल में अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं जो अन्य कैदियों को मिल रही हैं।

शीर्ष अदालत ने सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और चंद्रशेखर प्रसाद की याचिका पर बिहार में तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे शहाबुद्दीन को शीर्ष अदालत ने 15 फरवरी, 2018 को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। आशा रंजन के पति राजदेव रंजन और चन्द्रशेखर प्रसाद के तीन बेटों की अलग अलग घटनाओं में हत्या कर दी गई थी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 अक्टूबर को शहाबुद्दीन और तीन अन्य को 2004 के दोहरे हत्याकांड में दोषी ठहराने और उनकी सजा के फैसले को बरकरार रखा था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

prachi

Recommended News

Related News

static