BJP ने उठाया नीतीश सरकार द्वारा संघ के सदस्यों की जानकारी मांगे जाने का मुद्दा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 04:17 PM (IST)

पटनाः भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के साथ जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के गठबंधन वाली नीतीश सरकार के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समेत 19 संगठनों की जांच के आदेश का खुलासा होने से बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। इस निर्देश के खुलासे के बाद से राज्य में सियासी भूचाल आ गया है।

जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जदयू के नेता जवाब देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं वहीं भाजपा नेताओं ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है। दूसरी ओर महागठबंधन के घटक कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश सरकार की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार के आरएसएस और उससे जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का आदेश नैतिक रूप से गलत है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता संजय पासवान ने कहा कि संघ के लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए बिहार सरकार का पुलिस को आदेश देना काफी गंभीर मुद्दा है। सरकार के इस आदेश को भाजपा और संघ दोनों गंभीरता से ले रहे हैं। वहीं, भाजपा विधायक नितिन नवीन ने बिहार सरकार की विशेष शाखा से आरएसएस की जांच पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आरएसएस और उससे जुड़े लोगों का क्रियाकलाप खुली किताब की तरह है। उनके बारे में किसे से कुछ भी छुपा नहीं है। सरकार किसी के बारे में जांच करा सकती है लेकिन जिस तरह से इस मामले को लिया गया है वह आपत्तिजनक है। इस मामले को पार्टी के बड़े नेता देख रहे हैं।

वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि किसी भी संगठन को अपना संगठन विस्तार करने का पूरा अधिकार है। हालांकि बिहार में आरएसएस की शाखाओं की खुफिया जानकारी वाले सवाल का स्पष्ट जवाब देने से वह बचते दिखे और कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नही इसलिए वह कुछ भी नहीं कह सकते। जदयू विधायक ललन पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार कभी भी द्वेष और दुर्भावना से काम नही करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी पत्र की जानकारी उन्हें नहीं है।

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