पिछले 10 साल से NDA के खाते में है जमुई लोकसभा सीट, क्या इस बार भी कायम रहेगी यह परंपरा!

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 06:42 PM (IST)

पटनाः लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही चुनावी बिगुल बज गया है। सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। बिहार में पहले चरण के मतदान 11 अप्रैल को होंगे जिसमें औरंगाबाद, नवादा, गया और जमुई लोकसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। आइए इस खबर में जमुई लोकसभा सीट के बारे में जानते हैं।
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साल 1952 में जमुई में पहली बार आम चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के बनारसी प्रसाद सिन्हा ने जीत हासिल की और यहां के पहले सांसद बने। 1962 और 1967 के आम चुनाव में भी यहां कांग्रेस का ही राज रहा। इसके बाद 1971 के चुनाव में सीपीआई के भोला मांझी ने जमुई की सीट पर कब्जा किया। जमुई लोकसभा सीट 2009 में दोबारा अस्तित्व में आई और पहली बार यहां एनडीए के उम्मीदवार भूदेव चौधरी ने जीत हासिल की।
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2014 में जमुई की सीट लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के खाते में गई और लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने इस सीट पर कब्जा किया। चिराग पासवान को 285,354 वोटें मिली थी। चिराग ने राजद के सुधांशु भाष्कर को हराया था। सुधांशु भाष्कर को 199,407 वोटें मिली थी।
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गौरतलब है कि इस बार सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस बार लोकसभा चुनावों में जदयू और लोजपा एनडीए के साथ है। भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं लोजपा के खाते में 6 सीटें गई हैं। अब देखना यह होगा कि इस बार जमुई लोकसभा सीट एनडीए के पाले में जाती है या फिर महागठबंधन इस सीट को अपने नाम कर लेता है।
 


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prachi

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