परंपरा तोड़ पितृपक्ष में शादी करने वाली कविता सिंह पहली बार बनी सांसद
punjabkesari.in Thursday, May 30, 2019 - 03:33 PM (IST)

सीवानः राजनीतिक विवशता के कारण स्थापित परंपराओं को तोड़कर पितृपक्ष में विवाह करने वाली कविता सिंह पहले बिहार में सीवान के दरौंधा की विधायक और अब पहली बार सीवान से सांसद बनने में भी कामयाब हुई हैं।
कविता सिंह का राजनीति में पदार्पण किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उनका साल 2011 में पितृपक्ष के दौरान अजय सिंह के साथ परिणय सूत्र में बंधना स्थापित परंपराओं का विरोध नहीं था बल्कि सिंह की मां और दरौंधा की तत्कालीन विधायक जगमातो देवी के निधन के बाद उत्पन्न राजनीतिक परिस्थितियों में उनके परिवार के उत्तराधिकार को संभालने की विवशता थी। दरौंधा की तत्कालीन विधायक जगमतो देवी के साल 2011 में निधन के बाद उनके पुत्र अजय सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर जदयू से अपने लिए टिकट की मांग की लेकिन उनकी आपराधिक छवि को ध्यान में रखकर जदयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसा कहा जाता है कि कुमार ने अजय सिंह को सलाह दी थी यदि वह उप-चुनाव के पहले शादी कर लें तो उनकी पत्नी को पार्टी का टिकट दिया जा सकता है।
अखबार में अजय सिंह के विवाह के लिए एक विज्ञापन दिया गया, जिसमें वधु का मतदाता सूची में नाम होना, उसके पास मतदाता पहचान पत्र होना, उसकी उम्र 25 साल से अधिक और उसका राजनीतिक पृष्ठभूमि से होने की शर्त रखी गई। अंत में 16 लड़कियों में से कविता का चयन किया गया। कविता सिंह उस समय छपरा की जेपी यूनिवर्सिटी की छात्रा थी। सिंह ने कविता सिंह के साथ पितृपक्ष में शादी कर ली और जदयू ने कविता सिंह को दरौंधा सीट से पार्टी का टिकट दे दिया। उन्होंने साल 2011 में दरौंधा विधानसभा के उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बन गई।
साल 2015 में भी कविता सिंह को जदयू ने दरौंधा सीट से टिकट दिया और इस बार भी वह विधायक बनने में सफल रही। साल 2019 के आम चुनाव में सिंह ने जदयू के टिकट पर सीवान संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। उनका मुकाबला राजद प्रत्याशी और पूर्व बाहुबली सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से हुआ। उन्होंने 447171 मत हासिल कर शहाब को 116808 मतों के भारी अंतर से पराजित कर पहली बार सांसद बनने में कामयाब रहीं।