लॉकडाउन में जीवनरक्षक दवाइयों का संकट, मुसीबत में मुंगेर के 5 हजार मरीज

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 11:22 AM (IST)

मुंगेरः कोरोना वायरस से संक्रमण का प्रसार रोकने के उद्देश्य से देश में लागू लॉकडाउन में बिहार के मुंगेर जिले में थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के पास जीवनरक्षक दवाओं का स्टॉक लगभग समाप्त होने को है। इसके चलते अलग-अलग गंभीर रोग से ग्रसित करीब पांच हजार मरीजों का जीवन मुसीबत में पड़ सकता है।

लॉकडाउन के कारण मुंगेर जिले के नौ प्रखंडों की लगभग तेरह लाख सत्तर हजार की आबादी में से गंभीर बीमारी से जूझ रहे लगभग पांच हजार मरीजों की जिंदगी किसी भी समय संकट में पड़ सकती है। जिले के थोक और खुदरा दवा विक्रेताओं का कहना है कि पिछले आठ दिनों से जारी लॉकडाउन में उनकी दुकानों में जीवनरक्षक दवाइयों के स्टॉक में से लगभग अस्सी प्रतिशत दवाइयां अब खत्म हो चली हैं।

पटना के राज्य डिस्ट्रीब्यूटर से जिले में पिछले 22 मार्च से दवाइयों की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। जिले में डायबिटिज से बचाव की दवा मेटफॉरमिन, हृदय रोग की दवा सोरबिट्रेट, अवसाद की दवा नेक्सिटो प्लस टीएलयूएस, बच्चों के डायरिया से बचाव की दवा वालामाइसिन सिरप, बुखार की दवा पैरासिटामॉल, फ्लू की दवा सिनारेस्ट, थायराइड की दवा थायरोक्सिन, रक्चाप की दवा एमलोवास-थ्रीडी का अस्सी प्रतिशत स्टॉक समाप्त हो गया है।

इस बीच, मुंगेर प्रक्षेत्र के आरक्षी उप-महानिरीक्षक मनु महाराज ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि मुंगेर जिले में पटना से जीवनरक्षक दवाइयों के लाने और थोक विक्रेताओं से जिले के अन्य हिस्सों में खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचाने के लिए प्रशासन हर प्रकार की कार्रवाई करेगा और निदान ढूंढ लेगा। उन्होंने जिले की जनता को पूरी तरह आश्वस्त किया है कि प्रशासन हर समस्या के निदान के लिए तत्पर है।


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Nitika

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