कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के फैसले का Mayawati ने किया स्वागत

punjabkesari.in Wednesday, Jan 24, 2024 - 02:26 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित की है। उन्होंने ठाकुर को लेकर लगातार तीन ट्वीट किए। मायावती ने कहा कि देश में खासकर अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके उन्हें सामाजिक न्याय व समानता का जीवन दिलाने वाले जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर जी को आज उनकी 100वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे देश के ऐसे महान व्यक्तित्व श्री कर्पूरी ठाकुर जी को देर से ही सही अब भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत। देश के इस सर्वोच्च नागरकि सम्मान के लिए उनके परिवार व सभी अनुयाइयों आदि को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

कांशीराम को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने की उठाई मांग 
उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि इसी प्रकार दलितों एवं अन्य उपेक्षितों को आत्म-सम्मान के साथ जीने व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बीएसपी के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी का योगदान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय है, जिन्हें करोड़ों लोगों की चाहत अनुसार भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करना जरूरी।

मरणोपरांत कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न'  से किया गया सम्मानित 
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके सहयोगियों ने समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। बिहार के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के फैसले को ‘‘ऐतिहासिक'' करार दिया और कहा कि यह उनके अथक संघर्षों को सच्ची श्रद्धांजलि है। बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे और राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की राजनीति के सूत्रधार माने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर का नाम मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न' के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति भवन ने मंगलवार को उनकी जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर यह घोषणा की। 

गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार के फैसले का किया स्वागत 
‘जननायक' के रूप में मशहूर ठाकुर पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर जीवनपर्यंत पिछड़ों, दलितों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे। शाह ने ‘एक्स' पर लिखा कि बिहार की धरती के बहादुर सपूत जननायक कर्पूरी ठाकुर ने एक सर्व-समावेशी शासन प्रणाली बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया।

भारत रत्न' से सम्मानित करने का फैसला उनके संघर्षों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि-  सुशील मोदी
उन्होंने कहा कि ठाकुर की जन्म शताब्दी के अवसर पर उन्हें ‘भारत रत्न' से सम्मानित करने का फैसला उनके अथक संघर्षों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘ऐसा ऐतिहासिक काम किया है जो कोई अन्य प्रधानमंत्री नहीं कर सका।'' भाजपा के सहयोगी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक है और उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भाजपा की सहयोगी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी इस फैसले की सराहना की। 


 

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Ramkesh