पटना की सड़कों पर चाय बेच रहा ये नेशनल लेवल का तैराक, जीत चुका है कई पदक

punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2019 - 05:04 PM (IST)

पटनाः बिहार में खिलाड़ियों के हुनर की कितनी कदर है इसकी उदाहरण पेश करता एक मामला सामने आया है। राष्ट्रीय स्तर के एक तैराक को अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए चाय का स्टॉल खोलना पड़ा। वहीं अपने पिता की स्थिति को देखकर उसके बेटों ने भी तैराकी करना छोड़ दिया है जो कि अच्छे तैराक थे।
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पटना के काजीपुर मोहल्ले में चाय की दुकान चला रहे गोपाल यादव एक समय अंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक बनना चाहते थे लेकिन अब अपनी खराब आर्थिक व्यवस्था के कारण चाय बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने अपनी चाय की दुकान का नाम भी 'नेशनल तैराक टी स्टॉल' रखा है। साथ ही उन्होंने अपने चाय के स्टॉल के ऊपर वो आठ मेडल टांगे हुए हैं जो उन्होंने जीते थे।
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गोपाल ने बताया कि उन्होंने कई जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन सभी को रिश्वत चाहिए थी जिसकी वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई। गोपाल ने बताया कि उन्होंने अपने अंदर के तैराक को जिंदा रखा है इसलिए अब गंगा नदी में तैराकी सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरी स्थिति को देखते हुए मेरे बेटों ने तैराकी करनी छोड़ दी है।
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बता दें कि 1987 में गोपाल ने बिहार की तरफ से पहली बार कोलकाता में हुई राष्ट्रीय तैराकी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया था। इसके बाद 1988 और 1989 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता में बढ़िया प्रदर्शन किया। 1988 में बीसीए दानापुर में आयोजित राज्य चैंपियनशिप में 100 मीटर बैकस्ट्रोक प्रतियोगिता में पहले नंबर पर आए। इसके बाद 1990 में उन्होंने डाक विभाग में नौकरी के लिए इंटरव्यू भी दिया लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली।


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prachi

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