हाजीपुर में NDA और महागठबंधन के प्रत्याशियों की राह मुश्किल, अपनी ही पार्टी के लोग कर रहे विरोेध

punjabkesari.in Wednesday, May 01, 2019 - 06:23 PM (IST)

पटनाः बिहार की हाइप्रोफाइल सीटों में से एक हाजीपुर (सुरक्षित) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के प्रत्याशियों को अपनी ही पार्टी के अंतर्विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनकी जीत की राह आसान नहीं दिखाई पड़ती।

इस बार के आम चुनाव के पांचवें चरण में 6 मई को राज्य की सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर (सुरक्षित) में मतदान होना है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सुप्रीमो और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गढ़ मानी जाने वाली हाजीपुर (सु) सीट पर राजग की ओर से बिहार के मंत्री एवं पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस प्रत्याशी बनाए गए हैं। वहीं, महागठबंधन ने राजापाकड़ (सु) से विधायक और पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी के रुप में चुनावी रणभूमि में उतारा है।

लोजपा और राजद प्रत्याशियों को उनकी ही पार्टी के लोगों के अंतर्विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण इन उम्मीदवारों को जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। रामविलास पासवान हाजीपुर (सु) से आठ बार सांसद रह चुके हैं। माना जा रहा है कि वह अब राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस बार हाजीपुर की कमान पशुपति कुमार पारस को सौंप दी है। पशुपति कुमार पारस को उनकी ही पार्टी के वैशाली लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सासंद रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

दूसरी ओर राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम की भी जीत की डगर आसान नहीं है। महागठबंधन में टिकट बंटवारे से नाराज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा का गठन कर हाजीपुर (सु) से बालेन्द्र दास को चुनावी रणभूमि में उतार दिया है। इन सबके साथ ही इस बार के चुनाव में महागठबंधन से अलग हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री दशई चौधरी को इस सीट पर उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है।


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prachi

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