JNU छात्र शरजील इमाम के बिहार स्थित पैतृक घर पर पुलिस ने की छापेमारी

punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2020 - 02:08 PM (IST)

जहानाबादः संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी शरजील इमाम के पैतृक घर पर पुलिस ने छापेमारी की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनीष कुमार के मुताबिक, काको थानाक्षेत्र में पड़ने वाले इमाम के घर पर रविवार की रात छापे मारे गए। उन्होंने बताया कि जेएनयू शोधार्थी के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही “केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से मदद मांगे जाने” के बाद यह कार्रवाई की गई। एसपी ने बताया कि इमाम अपने घर पर नहीं मिला लेकिन पूछताछ के लिए उसके दो रिश्तेदारों और उनके चालकों को हिरासत में लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया।

आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में स्नातक, शरजील इमाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज से शोध करने के लिए दिल्ली आया था। शरजील के कथित भड़काऊ भाषणों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। इन भाषणों में उसे सीएए के मद्देनजर असम को भारत से अलग करने के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में दिए गए भाषण को लेकर इसी आरोप में अलीगढ़ के थाने में शरजील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा, असम में शरजील के खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

शरजील के दिवंगत पिता अकबर इमाम स्थानीय जदयू नेता थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था पर हार गए थे। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शरजील की परेशान मां अफशान रहीम ने मीडिया से कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। उसने एनआरसी को लेकर परेशानी को देखते हुए चक्का जाम की बात कही होगी जिससे शायद सरकार पर असर पड़े। वह नौजवान है , कोई चोर या पॉकेटमार नहीं। मैं खुदा की कसम खा कर कहती हूं कि मुझे नहीं पता कि वह कहां है लेकिन मैं गारंटी देती हूं कि मामलों की जानकारी होने पर वह जांच एजेंसियों के सामने पेश होगा और जांच में पूरी तरह सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह अपने बेटे से नहीं मिली हैं लेकिन कुछ हफ्ते पहले उनकी फोन पर बातचीत हुई थी।

रहीम ने कहा कि वह सीएए और देश में एनआरसी लागू होने के भय से परेशान था। उसने कहा था कि इससे मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी गरीब लोग परेशान होंगे। उन्होंने कहा कि असल में शाहीन बाग प्रदर्शन के करीब 15 दिन बाद उसने प्रदर्शनकारियों से वहां से हट जाने को कहा था और एक महीने तक स्थिति देखने तथा फिर भविष्य के कदम पर फैसला लेने को कहा था। रहीम ने कहा कि लेकिन वे लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। वह ‘चक्काजाम' का आह्वान कर रहा था। वह बच्चा है और लोगों को अलगाव के लिए उकसाने की उसमें सामर्थ्य नहीं है।


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prachi

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