BJP की वर्चुअल रैली की घोषणा पर RJD का हमला- हम 9 जून को मनाएंगे 'गरीब अधिकार दिवस'

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 12:43 PM (IST)

 

पटनाः कोरोना संकट के बीच बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है। 9 जून को अमित शाह की वर्चुअल रैली के साथ भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों का बिगुल फूंक दिया है। वहीं राजद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि हम 9 जून को 'गरीब अधिकार दिवस' मनाएंगे।

तेजस्वी ने ट्वीट कर भाजपा पर बोला हमला
नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि डिजिटल रैली करने वालों को अगर जनता की चिंता होती तो वो डिजिटल जनसेवा करते, डिजिटल मदद करते जैसे हमने डिजिटली लाखों की मदद की। लेकिन गरीबों के पेट पर लात मारने वाले संवेदनहीन लोग उनकी पीड़ा को नहीं समझ सकते। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक बार कहा था गरीब को डाटा से पहले आटा चाहिए।

अपनी सत्ता की भूख मिटाना चाहती है भाजपा और जदयू
तेजस्वी यादव ने ट्वीट में लिखा कि भाजपा और जदयू सिर्फ अपनी सत्ता की भूख मिटाना चाहती है लेकिन हम ग़रीबों-मज़दूरों के पेट की भूख मिटाना चाहते है। 9 जून को सभी बिहारवासी अपने-अपने घरों में थाली, कटोरा और गिलास बजाएंगे। बाहर से लौटे सभी श्रमिक भाई भी थाली-कटोरा बजा चैन से नींद में सो रही बिहार सरकार को जगाएंगे।

भाजपा लोगों के मरने पर मना रही जश्न
राजद नेता ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि कोरोना की संख्या लगभग 2 लाख पहुंच गई है, गरीब पैदल चल भूखे मर रहे है लेकिन भाजपा 9 जून को डिजिटल रैली निकालेगी। भाजपा दुनिया की पहली ऐसी पार्टी है जो अपने लोगों के मरने पर जश्न मना रही है। जिस दिन भाजपा गरीबों की मौत का जश्न मनाएगी उसी दिन प्रतिकार में हम “गरीब अधिकार दिवस” मनाएंगे। सरकार की आत्मा-अंतरात्मा भावहीन होकर डिजिटल हो चुकी है। जब जनता सड़कों पर भूखे-प्यासे भटक रही थी तब क्यूं नहीं “डिजिटली घर पहुंचाओ रैली” और “डिजिटली भोजन पहुंचाओ” रैली की। इन्हें डिजिटल क्षमा याचना डिजिटल शर्मिंदा रैली, डिजिटल कुशासन रैली और डिजिटल पश्चाताप रैली निकालनी चाहिए।

लॉकडाउन में मरे 100 से अधिक बिहारी श्रमिक
तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि सरकार की गरीब विरोधी दमनकारी नीतियों के कारण 100 से अधिक बिहारी श्रमिक, महिलाएं और बच्चें लॉकडाउन में मर गए। इन्होंने उन मौतों पर आज तक कोई शोक संवेदना का प्रकटीकरण नहीं किया लेकिन चुनावी तैयारियों में व्यस्त है। इनके दिल और दिमाग पर हमेशा सत्ता की भूख मिटाने की लालसा रहती है।

संक्रमण और मानवीय संकट के इस कठिन वक्त में वर्चुअल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करना चाहिए:-
राशन के लिए
सुशासन के लिए
कड़े प्रशासन के लिए
रोजग़ार सृजन के लिए
रोकथाम व उपचार के लिए
लेकिन ये वर्चुअल प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर रहे है। चुनाव के लिए, भाषण के लिए। सोचिए, कितने शर्म की बात है


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Nitika

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