राबड़ी के वार पर मोदी का पलटवार- अस्पताल को तबेला बनाने वाले बच्चों की मौत पर कर रहे राजनीति

punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2019 - 10:34 AM (IST)

पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिनके 15 साल के शासनकाल में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को आवारा पशुओं का तबेला बना दिया गया था वे बच्चों की चिताओं पर राजनीतिक रोटियां सेकनें निकल पड़े हैं।

सुशील मोदी ने मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की हो रही मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता राबड़ी देवी के सरकार पर किए गए हमलों के जवाब में ट्वीट कर कहा कि जिन्होंने 15 साल के अपने शासन में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को आवारा पशुओं का तबेला बना दिया था, वे बच्चों की चिता पर राजनीति की रोटियां सेंकने निकल पड़े हैं। राजद के लोगों को हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान अमर्यादित टिप्पणी और तथ्यहीन आरोप लगाने के कारण जनता ने जीरो पर आउट किया, लेकिन मात्र 22 दिन बाद मौका मिलते ही उनकी पुरानी बोली फूटने लगी है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राबड़ी देवी बताएं कि उनके शासन में मेडिकल कॉलेजों की क्या दशा थी? एक पूर्व मुख्यमंत्री से लोग जानना चाहेंगे कि हाल में चमकी बुखार से 1000 बच्चों की मौत के आंकड़े का आधार क्या है? क्या मौत के मनगढ़ंत आंकड़े पेश करना किसी जिम्मेदार व्यक्ति का काम हो सकता है? उन्होंने आगे कहा कि अत्यधिक गर्मी, लू और चमकी बुखार से बड़ी संख्या में बच्चों-बुजुर्गों की मृत्यु हर संवेदनशील व्यक्ति को विचलित करने वाली है। राज्य सरकार ने पीड़तिों की मदद और बचाव के लिए तेजी से कदम भी उठाए हैं।

मोदी ने कहा कि एईएस का इलाज मुफ्त किया गया, रोगी को अस्पताल लाने का खर्च देने का निर्णय हुआ, मृतक के परिवार को चार लाख रुपये देने की शुरूआत की गई और दर्जन भर लोगों तक यह राशि पहुंचा भी दी गई। एहतियात के तौर पर दिन के 10 बजे से शाम के पांच बजे तक सरकारी-गैरसरकारी निर्माण पर रोक लगी । स्कूल-कालेज 24 जून तक बंद कर दिये गए। भविष्य की चुनौती को देखते हुए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में 100 बेड का आईसीयू बनाने का फैसला किया गया। सरकार हर संभव उपाय कर रही है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहा है।

prachi