इंसेफेलाइटिस से हो रही बच्चों की मौत पर बोले केंद्रीय मंत्री- भूखे पेट लीची खाने से हो रही मौत

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 01:51 PM (IST)

पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस का कहर लगातार जारी है। इससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 57 तक पहुंच चुकी है। इस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बयान जारी करते हुए कहा कि बच्चों की मौत भूखे पेट लीची खाने से हो रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बच्चों की मौत के पीछे कई कारण हैं जिनमें से एक कारण बच्चों का भूखे पेट लीची खाना है। उन्होंने कहा कि लीची में जो बीज होता है वह शुगर को कम करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। मुजफ्फरपुर में मरीजों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही है। मरीजों के लिए बेड, एंबुलेंस और आईसीयू की व्यवस्था की गई है।

अश्विनी चौबे ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वहीं शुक्रवार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा अस्पताल का दौरा किया। एईएस के कारण बच्चों की मौत पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र से भेजे गए डॉक्टरों की टीम ने अस्पतालों का दौरा किया है। उन्होंने राज्य सरकार को इस संबंध में जरूरी सलाह दी है। साथ ही उन्होंने हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
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क्या है इंसेफेलाइटिस यह एक दिमागी बुखार है जो कि वायरल संक्रमण की वजह से फैलता है। यह मुख्य रुप से गंदगी में पनपता है। जैसे ही यह हमारे शरीर के सपंर्क में आता है वैसे ही यह दिमाग की ओर चला जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोगों को होती है।

ये है बीमारी के लक्षण डॉक्टरों का कहना है कि इससे बुखार, सिरदर्द, ऐंठन, उल्टी और बेहोशी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। रोगी का शरीर निर्बल हो जाता है। वह प्रकाश से डरता है। कुछ रोगियों के गर्दन में जकड़न आ जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ रोगी लकवा के भी शिकार हो जाते हैं।
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इंसेफेलाइटिस से बचने के तरीके इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए समय से टीकाकरण करवाना चाहिए। गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करें और घरों के आस-पास पानी न जमा होने दें। माता-पिता को इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को ओआरएस या नींबू पानी का घोल पिलाएं। बच्चों को कभी भी खाली पेट न सोने दें। साफ-सफाई का विशेष रखें।
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prachi

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